छात्रों ने 10 जुलाई को अपनी हड़ताल शुरू की थी। वे इस 183 वर्ष पुराने राज्य द्वारा संचालित चिकित्सा कॉलेज के अधिकारियों द्वारा नए 11 मंजिला छात्रावास को केवल नए छात्रों को आवंटित किए जाने के फैसले से नाराज हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। कॉलेज प्रशासन ने रविवार को छात्रों से अपनी हड़ताल वापस लेने की अपील की और कहा कि अतिरिक्त छात्रों को उच्च अधिकारियों से मंजूरी मिलने पर छात्रावास की नई इमारत में समायोजित किया जाएगा।
ये भी पढ़ें: इस मुस्लिम छात्रा ने उर्दू— फारसी छोड़ संस्कृत से की पढ़ाई, 10वीं में मिले थे 100 में से 100 अंक नए कार्यवाहक प्रधानाचार्य अशोक भद्रा ने अपनी लिखित अपील में छात्रों को चिकित्सा शिक्षा निदेशक (डीएमई), छात्र प्रतिनिधियों और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ शनिवार को हुई बैठक के बारे में सूचित किया। आर. सिन्हा द्वारा शुक्रवार को इस्तीफा दिए जाने के बाद पदभार संभालने वाले भद्रा ने कहा, “अगर डीएमई बैठक में उनके द्वारा किए गए अनुरोध को मंजूरी मिल जाती है तो छात्रावास में रहने के लिए खुली और पारदर्शी काउंसलिंग होगी।”
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा है कि वे डीएमई कार्यालय से लिखित मंजूरी प्राप्त होने के बाद ही हड़ताल वापस लेंगे। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन आफ इंडिया और स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया के सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार की उदासीनता के विरोध में परिसर में एक सम्मेलन आयोजित किया। माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा, मुख्यमंत्री कोलकाता के मध्य में विशाल रैलियां कर ही हैं लेकिन उनके पास प्रदर्शनकारी छात्रों से मिलने का समय नहीं है। चिकित्सा कॉलेज से मैदान कितना दूर है?