राजधानी बीजिंग में शेयर कारोबारी ली यू कहते हैं कि कोडिंग एक बेहद उपयोगी कौशल है। हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं, 20 साल बाद नौकरियों में जिनके पास कोडिंग का कौशल नहीं होगा, उनकी जगह रोबोट ले लेंगे। ली का चार साल का बेटा भी हर सप्ताह के अंत में कोडिंग की कक्षाएं लेता है। कंप्यूटिंग में यह एक प्रारंभिक शिक्षा है, जो प्रौद्योगिकी की दुनिया को समझने में मदद करती है। कंप्यूटर कोडिंग का इस्तेमाल सॉफ्टवेयर, वेबसाइट और ऐप बनाने में किया जाता है। कोडिंग के प्रति चीन का मौजूदा उत्साह उसे दुनिया में एआइ का पावर हाउस बना सकता है।
परिजनों को नहीं पड़ा समझाना
बीजिंग में पिछले साल कोडिंग कक्षाएं शुरू करने वाले सन के मुताबिक, पहले लगा था कि बच्चों के लिए कोडिंग के महत्त्व के बारे में उनके माता-पिता को समझाने में लंबा समय लगेगा। लेकिन ऐसा नहीं है। परिजन पहले से ही इस बारे में जानते थे।
सबसे ज्यादा ऑनलाइन आबादी
10 साल में चीन में कोडिंग कक्षाओं के प्रति रुचि बढ़ी है। दुनिया में सबस ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल चीन में होता है। सबसे ज्यादा ऑनलाइन आबादी भी वहीं हैं। सरकार भी पारंपरिक उद्योगों के डिजिटलीकरण को बढ़ावा देती है। आंकड़ों के अनुसार चीन में कम्प्यूटर कोडिंग की कक्षाओं का बाजार 41 अरब रुपए तक पहुंच गया है।
इजरायल, अमरीका और भी ज्यादा आगे
हालांकि चीन में कोडिंग शिक्षा पश्चिमी देशों से पीछे है। इजरायल में हाई स्कूल में कोडिंग अनिवार्य कोर्स है। 2014 में ब्रिटेन ने पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कंप्यूटिंग पाठ्यक्रम अपनाया। इसी साल तत्कालीन अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कंप्यूटर विज्ञान की शिक्षा के लिए 275 अरब रुपए का प्रावधान किया था।