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दिल्ली यूनिवर्सिटी भारतीय छात्रों के साथ साथ विदेशी छात्रों के प्रवेश के लिए भी अपनी 5 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखता है। जिससे भारतीय छात्रों की नामाकंन प्रक्रिया किसी भी तरह से प्रभावित नही हो पाती है। इसके अलावा जो छात्र अपने देश में एग्जाम क्वालीफाई कर लेता है तो उस दौरान डीयू अप्रैल के अंत तक 80-90% विदेशी छात्रों का प्रवेश पूरा कर लेता है। बताया जाता है कि ज्यादातर विदेशी छात्रों के प्रवेश की आवेदन प्रक्रिया फरवरी में ही शुरू हो जाती है और अप्रैल तक 80-90% दाखिले हो जाते हैं।”
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2020 में नए आवेदक
“दिल्ली यूनिवर्सिटी में पहले अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, तिब्बत, बांग्लादेश आदि देशों के छात्र पढ़ने के लिए आते थे। लेकिन अब इस विश्वविद्यालय को अर्जेंटीना, मैक्सिको, नीदरलैंड, मलेशिया जैसे देशों से नए आवेदक मिले हैं।” विकासशील देशों के अधिकांश छात्र कंप्यूटर साइंस और बैचलर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के पाठ्यक्रम पसंद करते हैं। पीजी छात्रों में, राजनीति विज्ञान सबसे अधिक मांग वाले विषयों में से एक है,जिसे हर छात्र लेना पसंद करते हैं। डीयू ने साल 2019 में 556 की तुलना में इस साल 562 छात्रों को दाखिला दिया।
शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए योग्यता सूची के अनुसार, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर राजनीति विज्ञान और मनोविज्ञान सबसे पसंदीदा विषयों में से एक रहा है। इसमें कुल 44 उम्मीदवारों ने बीए (एच) मनोविज्ञान के लिए मेरिट सूची में और बीए (एच) राजनीति विज्ञान के लिए 43 उम्मीदवारों ने शीर्ष सूची में अपना स्थान बनाया। एमए राजनीति विज्ञान के लिए, 29 छात्रों ने साल 2020-21 में मेरिट सूची में स्थान बनाया। बैचलर ऑफ लॉ प्रोग्राम के लिए, 51 छात्रों को डीयू प्रवेश सूची में शामिल किया गया।