किसान परिवार में जन्मे चूनाराम की आर्थिक स्थिति शुरू से ही कमजोर रही। खेती पर निर्भरता के कारण परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हुआ तो पिता ने दिहाड़ी मजदूरी भी की। बड़े भाई किशन कुमार ने पढ़ाई बीच में छोड़ बालोतरा में कपड़े की फैक्ट्रियों में जाकर काम शुरू किया, ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधरे और चूनाराम पढ़ सके।
चूनाराम की ढाणी में आज भी बिजली का कनेक्शन नहीं है। उन्होंने 8वीं तक गांव में ही चिमनी की रोशनी में पढ़ाई की।
थार का बढ़ाया मान
इसरो केन्द्रीय रिक्रूटमेंट बोर्ड-2017 की ओर से वैज्ञानिकों के 35 पदों के लिए यह परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें चूनाराम ने 12वां स्थान हासिल का थार का नाम रोशन किया। परीक्षा में प्रथम स्थान पर सुन्दर शर्मा व द्वितीय कंवलजोतसिंह संधु रहे।