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GK : बीटिंग रिट्रीट, जानें इसके पीछे की कहानी

ऐतिहासिक विजय चौक पर सशस्त्र सेनाओं की मंत्रमुग्ध करने देने वाली धुनों, जवानों के कदमताल और रोशनी की जगमगाहट वाले ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम के साथ मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाएगा।

जयपुरJan 29, 2019 / 01:45 pm

जमील खान

Beating Retreat

Beating retreat 2019

ऐतिहासिक विजय चौक पर सशस्त्र सेनाओं की मंत्रमुग्ध करने देने वाली धुनों, जवानों के कदमताल और रोशनी की जगमगाहट वाले ‘बीटिंग द रिट्रीट’ कार्यक्रम के साथ मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाएगा। बीटिंग द रिट्रीट समारोह में सेना, नौसेना, वायु सेना और राज्य पुलिस तथा केन्द्रीय पुलिस बलों के 27 बैंड प्रस्तुति पेश करेंगे जिनमें से 19 की धुनें भारतीय संगीतकारों ने बनाई हैं। इनमें इंडियन स्टार, पहाड़ों की रानी, कुमानी गीत, जय जन्म भूमि, क्वीन ऑफ सतपुड़ा, मरूनी, विजय, सोल्जियर माई वेलेंटाइन, भूपल, विजयभारत, आकाश गंगा, गंगोत्री, नमस्ते इंडिया, समुद्रिका, जय भारत, यंग इंडिया, वीरता की मिसाल, अमर सेनानी और भूमिपुत्र है।

आठ पश्चिमी धुनों में फेनफेयर बाय बग्लर्स, साउंड बेरियर, इमबलेजोन्ड, ट्विलाइट, एलर्ट, स्पेस फ्लाइट, ड्रमर्स कॉल और एबाइड विद मी हैं। सदाबाहर धुन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ ही चार दिन के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हो जाएगा। इससे पहले सूर्यास्त के साथ ही विजय चौक के आस-पास की सभी इमारतें रोशनी से जगमगा उठेंगी। इस वर्ष सेना के रेजिमेंटल सेंटरों तथा बटालियनों के 15 बैंड, 15 पाइप और ड्रम बैंड हिस्सा ले रहे हैं।

नौसेना, वायु सेना, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल और दिल्ली पुलिस का भी एक-एक बैंड समारोह में हिस्सा लेगा। समारोह के मुख्य संचालक कमांडर विजय डी क्रूज होंगे। सेना के बैंड के संचालक सूबेदार परविंदर सिंह, नौसेना के बैंड के मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर विन्सेंट जॉनसन और वायु सेना के बैंड के संचालक जूनियर वारंट आफिसर अशोक कुमार होंगे। राज्य पुलिस और केन्द्रीय पुलिस बल के बैंड के संचालक निरीक्षक गणेश दत्त पांडे होंगे।

बीटिंग द रिट्रीट समारोह की शुरुआत 1950 के दशक में सेना के मेजर रॉबर्टस ने कई बैंडों को मिलाकर एक अनौखी मिश्रित धुन बनाई थी। यह समारोह सदियों पुरानी सैन्य परंपरा का प्रतीक है जिसमें थके-हारे सैनिक सूर्यास्त के समय रणक्षेत्र से शिविरों में वापस लौटते हैं।

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