यह पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर २ साल के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू होगा। शुरुआत में राज्य के १३४ विवेकानंद मॉडल स्कूलों में से ५० स्कूलों को मौका दिया जाएगा। विभाग के आयुक्त केसी मीणा ने बताया कि तीन चरणों में होने वाले कार्यक्रम के पहले चरण में केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी विभाग, डीएसटी, सीएसआइआर और इंडियन काउंसिल फोर मेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिक ५० मॉडल स्कूलों में १-२ दिन की विजिट कर छात्रों से संवाद करेंगे।
चयनित १०-१० विद्यार्थियों की दूसरे चरण में उपक्षेत्रीय विज्ञान केंद्र और कुछ विश्वविद्यालयों में ३ दिन की १० तकनीकी वर्कशॉप होंगी। एक वर्कशॉप में ५० बच्चे शामिल होंगे। हर वर्कशॉप में ५ बच्चों का चयन कर कुल ५० बच्चों को तीसरे चरण में भेजा जाएगा। इन्हें २ सप्ताह के लिए देशभर की लैब में अलग-अलग समूहों में भेजा जाएगा। वहां नामी वैज्ञानिकों का सान्निध्य मिलेगा।