इन यूनिवर्सिटीज का आंकलन कोर मिशंस – टीचिंग, रिसर्च, साइटेशंस, इंटरनेशनल आउटलुक और इंडस्ट्री इनकम के आधार पर होता है। इस लिस्ट में सबसे ऊपर नाम रहा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन डीगो। इस साल की सूची के लिए 44 देशों के इंस्टीट्यूशंस को शामिल किया गया है। आईआईटी खडग़पुर ने टॉप 50 इमर्जिंग इकोनॉमीज यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2018 में भी जगह बनाई है। इस लिस्ट में केवल उन्हीं देशों की इंस्टीट्यूशंस को शामिल किया जाता है जिन्हें एडवांस्ड इमर्जिंग, सेकंडरी इमर्जिंग या फ्रंटियर इकोनॉमीज माना जाता है।
टॉप 50 इमर्जिंग इकोनॉमीज यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2018 की सूची में आईआईटी खडग़पुर को 45वां स्थान हासिल हुआ है। इस सूची के लिए चार महाद्वीपों के 42 देशों की 350 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज का आंकलन किया गया है। सूची में सबसे ऊपर नाम पेकिंग यूनिवर्सिटी ऑफ चीन का है। यह लगातार पांचवा साल है जब रैंकिंग ने ब्रिक्स एक्रोनिम से दूरी बनाते हुए अलग टाइटल से इमर्जिंग इकोनॉमीज की ताकत और पोटेंशियल को पहचाना है। इन देशों के इंस्टीट्यूशंस को – टीचिंग, रिसर्च, नॉलेज ट्रांसफर और इमर्जिंग इकोनॉमीज यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2018 के इंटरनेशनल आउटलुक के आधार पर आंका जाता है।
आईआईआईटी त्रिपुरा इसी साल से शुरू होगा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) त्रिपुरा इसी एकेडमिक ईयर से फंक्शनिंग शुरू करेगा। राज्य के शिक्षा मंत्री रत्न लाल नाथ ने यह जानकारी विधानसभा में दी। फिलहाल आईआईआईटी त्रिपुरा नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) अगरतला के कैम्पस से ही ऑपरेट करेगी। रत्न लाल नाथ ने बताया कि केंद्र ने जुलाई 2012 में ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल की इजाजत दे दी थी। लेफ्ट फ्रंट सरकार की लापरवाही की वजह से यह प्रोजेक्ट छह साल तक डिले हो गया। वहीं मौजूदा बीजेपी-आईपीएफटी सरकार इस मामले पर एक भी मिनट बर्बाद करने को तैयार नहीं थी।