इस केंद्र की स्थापना आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र रह चुके सुमंत सिन्हा ने की है जो रिनिव पॉवर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं। यह देश में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करने वाली स्वतत्र कंपनी है। उन्होंने उच्च शिक्षा में शोध कार्यों को बढ़ावा देने की चर्चा करते हुए कहा कि हर साल एक ह•ाार मेधावी छात्र-छात्राओं को 75 हजार रूपए प्रतिमाह की प्रधानमंत्री छात्रवृति दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि शोध एवं अनुसन्धान से चीजें सस्ती होती हैं और इस से बचत भी होती है। इतना ही नहीं इस से उत्पादन बढ़ता है और क्षमता भी बढ़ती है एवं नई चुनौतियों का सामना क रना होता है। उन्होंने कहा कि जब वे पर्यावरण मंत्री थे तो उन्होंने एक अरब एलईडी बल्बों का ऑर्डर दिया था और तब हर बल्ब की कीमत 300 रुपए होती थी, लेकिन थोक में आर्डर दिया गया तो कीमत 75 रुपए हो गई।
उन्होंने आईआईटी में लड़कियों की भागीदारी की चर्चा करते हुए बताया कि 2022 तक आईआईटी में छात्रों की संख्या आठ प्रतिशत से बढ़ाकर 22 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने आईआईटी के छात्रों को अगले वर्ष होने वाले हैकथलन प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। समारोह में आईआईटी दिल्ली के निदेशक वी राम गोपाल राव ने कहा कि उनके स ंसथान में शोध कार्यों में वृद्धि हुई है और विभिन्न एजेंसियों द्वारा प्रायोजित फंडिंग में सौ प्रतिशत की वृद्धि हुई है यानी अब यह बढ़कर 250 करोड़ रुपए का हो गया है।
उन्होंने कहा कि 23 सितम्बर को आईआईटी दिल्ली में इंडस्ट्री दिवस मनाया जाएगा जिसमे 200 कम्पनियां भाग लेंगी। दुनिया भर में आईआईटी के 45 ह•ाार पूर्व छात्र हैं। सुमंत सिन्हा भी एक ऐसे ही पूर्व छात्र हैं जिनके सहयोग से यह केंद्र स्थापित हुआ है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आईआईटी इस तरह के शोध कार्यों से भविष्य में ‘क्यू एस रैंकिंग’ में दुनिया के शीर्ष सौ शैक्षणिक संस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
उन्होंने सात आईआईटी को विश्वस्तरीय बनाने की योजना के लिए सरकार द्वारा अपेक्षित सहायता न मिलने पर निराशा भी व्यक्त की। समारोह में सिन्हा ने अपने केंद्र की सफलता के लिए आईआईटी के प्रति आभार व्यक्त किया।