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शिक्षा

कई स्कूलों में सुविधाओं का अभाव

धारवाड़ जिले के कुछ सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का अभाव है। शौचालयों में पानी की समस्या है, क्षतिग्रस्त छत की टाइलेंं, रिसाव, मैदान नहीं है, बेंचों की कमी है।

हुबलीJun 07, 2024 / 08:51 am

Zakir Pattankudi

कई स्कूलों में सुविधाओं का अभाव

धारवाड़ के नवलूरु स्थित सरकारी स्कूल का खस्ताहाल शौचालय।

विवेक, कोल इंडिया सीएसआर योजना

198 कमरों का निर्माण बाकी

हुब्बल्ली. धारवाड़ जिले के कुछ सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का अभाव है। शौचालयों में पानी की समस्या है, क्षतिग्रस्त छत की टाइलेंं, रिसाव, मैदान नहीं है, बेंचों की कमी है।

बेंच की व्यवस्था नहीं

धारवाड़ चैतन्य नगर के (केलगेरी झील के बगल में) सरकारी जूनियर प्राइमरी स्कूल में पहली से चौथी कक्षा में 25 छात्र हैं। यहां एक ही शिक्षिका है। स्कूल के किनारे एक बड़ी नाली है। तेज बारिश होने पर नाली का गंदा पानी स्कूल परिसर में घुस जाता है। छात्रों के लिए बेंच की व्यवस्था नहीं है।

अतिथि शिक्षक की व्यवस्था करें

चैतन्य नगर स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि शिक्षण और प्रबंधन सारा अकेले संभालना कठिन है। पिछले वर्ष एक अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की गई थी। इस साल भी अतिथि शिक्षक की व्यवस्था की जाए तो यह सुविधा होगी।

कीचड़ में चलने को मजबूर बच्चे और शिक्षक

नेहरू नगर स्थित सरकारी उच्च प्राथमिक स्कूल में 120 से अधिक विद्यार्थी हैं। छुट्टियां होने पर दबंग स्कूल परिसर में मौज-मस्ती करते हैं। वे कम्पाउंड को पार कर परिसर में प्रवेश करते हैं और इमारत के गलियारे में शराब पीते हैं। खाली बोतलें, खाने के पैकेट आदि वहीं फेंक कर चले जाते हैं। नशे में धुत होकर खिडक़ी के शीशे तोडऩे के उदाहरण हैं। बरसात के मौसम में भारी बारिश होने पर स्कूल प्रांगण में पानी घुस जाता है। बच्चों व शिक्षकों को कीचड़ में चलना पड़ता है।
स्कूल के शिक्षकों की अपील है कि परिसर में बारिश का पानी जमा न हो इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। शराबियों की मौज-मस्ती पर लगाम लगाना चाहिए।

शौचालयों का रखरखाव बनी चुनौती

स्कूलों में शौचालय हैं परन्तु साफ-सफाई की समस्या है। कुछ जगहों की हालत खऱाब है। ग्रामीण इलाकों के कई स्कूलों के शौचालयों में पानी की कमी है। शौचालयों का रखरखाव विद्यालय समितियों के लिए एक चुनौती बनी हुई है।

60 कमरे अभी भी लंबित

जिले में स्कूल के कमरों की कमी को दूर करने के लिए विवेक स्कूल कक्ष योजना और कोल इंडिया सीएसआर (कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी) योजना के तहत कुल 436 कमरे मंजूर किए गए हैं। विवेक स्कूल कक्ष योजना के तहत 295 कमरे मंजूर किए गए हैं। इनमें से 157 कमरे पूरे हो चुके हैं। 138 कमरे लंबित हैं। कोल इंडिया सीएसआर योजना के तहत 141 कमरे मंजूर हुए हैं और 81 कमरों का काम पूरा हो चुका है। 60 कमरे अभी भी लंबित हैं।

विद्यालयों में मैदानों का अभाव

अलनावर तालुक में 35 सरकारी स्कूल हैं। कई जगहों पर मैदानों व कमरों की कमी है। कस्बे के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय (हाई स्कूल) को स्वयं के भवन की आवश्यकता है। साथ ही इस साल नए पीयू कॉलेज को मंजूरी दी गई है। हाई स्कूल और पीयू कॉलेज के लिए नए भवन की मांग है।

साफ-सफाई का अभाव

अलनावर के प्रवीण पवार कहते हैं कि बरसात के मौसम में स्कूल के मैदान में पानी भर जाता है। चलने फिरने में दिक्कत होती है। तालुक केंद्र में सरकारी स्कूल के लिए एक सुसज्जित मैदान बनाना चाहिए।
ग्रामीणों का कहना है कि पास के कडबगट्टी सरकारी स्कूल एक तंग जगह पर है। पुरानी इमारत को हटाना चाहिए। इस विद्यालय के पास कोई मैदान नहीं है। कस्बे का सरकारी विद्यालय क्रमांक-1 नगर के मध्य भाग में स्थित है। इस विद्यालय के पास भी कोई मैदान नहीं है। हुलिकेरी सरकारी उर्दू और कन्नड़ स्कूल में शौचालय है परन्तु यहां साफ-सफाई का अभाव है।

प्रस्ताव सौंपा गया है

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अलनावर तालुक में स्कूलों के 9 शौचालयों और 58 कमरों की मरम्मत की जरूरत है। कुल 25 शौचालय एवं 57 कमरों की मांग है। इस संबंध में प्रस्ताव सौंपा गया है।

जर्जर भवन

अन्निगेरी तालुक में कुछ स्कूल भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। छतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। कुछ स्कूलों में शौचालय हैं परन्तु पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ जगहों पर पानी की व्यवस्था है परन्तु रख-रखाव के अभाव में साफ-सफाई नहीं है। तालुक के कई स्कूलों को अभी तक पाठ्यपुस्तक नहीं मिली हंै।

काम जल्द ही शुरू होगा

क्षेत्र शिक्षा अधिकारी शिवानंद मल्लाड ने बताया कि अन्निगेरी सरकारी स्कूल संख्या 2 के कमरों की मरम्मत के लिए 10 लाख रुपए का अनुदान जारी किया गया है। काम जल्द ही शुरू होगा।

55 कमरे निर्माणाधीन, 98 कमरे मरम्मत के अधीन

कलघटगी तालुक में प्राथमिक और हाई स्कूल सहित कुल 142 विद्यालय हैं। 982 कमरों में कुल 20,722 बच्चे पढ़ रहे हैं। 55 नए कमरों और 98 कमरों की मरम्मत की जरूरत है, अब शिक्षा विभाग ने कुछ कमरों की मरम्मत कर शैक्षणिक वर्ष के बच्चों की पढ़ाई के लिए कमरों की सुविधा उपलब्ध कराई है।

166 कमरों की मांग

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि तालुक में कुल 982 स्कूल कमरे हैं और बच्चों की संख्या के अनुसार 166 कमरों की अतिरिक्त मांग है। उप निदेशक कार्यालय के सहयोग से सीएसआर, तालुक पंचायत अनुदान और अन्य दानदाताओं की मदद से नए कमरों की मांग को हल करने का प्रयास किया जा रहा है। पिछले वर्ष विवेक योजना के तहत 38 कमरे, कोल इंडिया सीएसआर योजना के तहत 29 कमरे, तालुक पंचायत अनुदान के तहत 4 कमरे स्वीकृत किए गए हैं और 50 कमरों का निर्माण पूरा हो चुका है। 21 कमरों का कार्य प्रगति पर है।

50 लाख रुपए अनुदान मंजूर

क्षेत्र शिक्षा अधिकारी उमादेवी बसापुर ने बताया कि एसडीपी 2023-24 में 43 स्कूलों की मरम्मत के एल एक करोड़ रुपए अनुदान पीआरईडी के लिए मंजूर हुआ है। आचार संहिता हटने के बाद मरम्मत कराई जाएगी। व्यापक शिक्षा योजना में प्रमुख मरम्मत के लिए तीन स्कूलों को 50 लाख रुपए अनुदान मंजूर हुआ है और कार्य प्रगति पर है।

शराबियों का अड्डा बना स्कूल परिसर

कुंदगोल तालुक के यरगुप्पी हाई स्कूल परिसर शराबियों का अड्डा बना है। स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतलें फेंक दी जाती हैं। शराबी परिसर में पेशाब करते हैं। स्कूल के शौचालय में पानी की कमी है। हिरेनर्ती गांव के हाई स्कूल में शौचालय का उपयोग केवल शिक्षक ही करते हैं। बच्चों के उपयोग के लिए उपलब्ध नहीं है। विद्यालय के आठवीं कक्षा के कमरे का दरवाजा क्षतिग्रस्त है तथा दीवार में दरार आ गई है। स्कूल का मैदान कूड़े से भरा हुआ है।

निर्माण कार्य प्रगति पर है

मुल्लोल्ली गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल के शौचालय में साफ-सफाई की समस्या है। यरीनारायणपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में पेयजल की समस्या है। गुडेनकट्टी गांव में प्राथमिक विद्यालय के प्रार्थना मंदिर की छत पर टाइल उखड़ीं है। तालुक में 49 कमरों का नव निर्माण किया गया है। दो कमरों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
संजीवकुमार बेलवटगी, क्षेत्र शिक्षा अधिकारी, कुंदगोल

जिला के स्कूल (प्राथमिक एवं हाई स्कूल), छात्रों का आंकड़ा

क्षेत्र — स्कूल — छात्र

धारवाड़ — 238 — 46,185
धारवाड़ शहर — 198 — 60,731
हुब्बल्ली — 231 — 46,705
हुब्बल्ली शहर — 330 — 1,07,425
कलघटगी — 174 — 27,200
कुंदगोल — 156 — 23,115
नवलकुंद — 186 — 29,125
कुल — 1513 — 3,40,487

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