यह छूट अगली नीट की प्रक्रिया शुरू होने तक ही मिलेगी। काउंसिल ऐसे अभ्यर्थियों से इसका शपथ पत्र भी लेगा कि वे नीट की प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए। यदि किसी ने झूठा शपथ पत्र पेश किया तो ऐसे अभ्यर्थी पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी। एमसीआई ने यह छूट हाल ही दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद दी है।
विदेश से एमबीबीएस का का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। राज्यों के साथ प्रदेश से विदेश से डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या में दस से 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एक्सपर्ट वेद प्रकाश बेनीवाल का कहना है कि एमसीआई के नीट लागू करने की अनिवार्यता की जानकारी नहीं थी। ऐसे में उनको अब एक वर्ष तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। डॉ. अनिल धायल ने बताया कि इससे छात्रों को एक साल का लाभ मिलेगा।
विदेश में मेडिकल शिक्षा लेने के इच्छुक छात्रों को एमसीआई की इस घोषणा से फायदा होगा। अब तक विदेश में मेडिकल शिक्षा के लिए एडमिशन लेने में उन्हें जो दिक्कतें आ रही थी, वो दूर हो जाएंगी और उनका एक वर्ष भी बच सकेगा।