करमेन्द्र सिंह तथा अन्य सहित तीन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद न्यायाधीश एसपी शर्मा ने 5 जून को फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायालय ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को कहा है कि रोस्टर के अनुसार एमसीआई द्वारा बढ़ाई सीटों पर EWS वर्ग को दस फीसदी आरक्षण का लाभ दे सकती है। इस काउंसलिंग में छात्र को वहीं मेडिकल कॉलेज आवंटित होता है तो उसका प्रवेश बरकरार रहेगा। न्यायालय ने कहा है कि आरक्षण कैटेगरी के अनुसार होना चाहिए लेकिन यह व्यवस्था इस वर्ष लागू नहीं होगी। गौरतलब है कि इस वर्ष 597 मेडिकल सीटों के लिए प्रवेश होना था। एमसीआई ने EWS आरक्षण के कारण 89 सीटें अतिरिक्त आवंटित की थीं।
यह था विवाद
अधिवक्ता शोभित त्रिपाठी ने बताया कि 27 फरवरी को एमसीआई ने सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों को पत्र जारी किया था। इसमें पीजी कोर्स में अतिरिक्त 89 सीटों को EWS वर्ग में शामिल करने के निर्देश दिए लेकिन कॉलेजों ने इन्हें शामिल किए बिना ही काउंसलिंग कर ली। छात्रों का कहना था कि EWS को आरक्षण देने से सामान्य वर्ग की सीटें कम हो गई हैं जबकि एमसीआई ने सामान्य वर्ग की सीटों पर प्रभाव नहीं हो, इसके मद्देनजर EWS वर्ग के लिए 89 अतिरिक्त सीटें दी थी। वहीं राज्य सरकार का कहना था कि संबंधित कॉलेजो के सीट मेट्रिक्स नहीं भेजने के कारण काउंसलिंग में EWS वर्ग की सीटों को शामिल नहीं किया जा सका।