आरएसएस आर्मी स्कूल (RSS Army School) केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) (सीबीएसई) (CBSE) पाठ्यक्रम को अपनाएगा और इसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्र होंगे। कक्षाएं अप्रैल 2020 से शुरू होंगी और इसके पहले बैच में 160 छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है। विद्या भारती पहले से ही भारत भर में 20,000 से अधिक स्कूलों को संचालित कर रही है। सेना के पूर्व अधिकारी चौधरी राजपाल सिंह द्वारा दान की गई 8 एकड़ भूमि पर लडक़ों के लिए आवासीय विद्यालय का निर्माण शुरू हो चुका है।
रिपोर्टों के अनुसार, तीन मंजिला इमारत में एक छात्रावास, कर्मचारियों के लिए क्वार्टर, एक डिस्पेंसरी और एक स्टेडियम होगा। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक और आर्मी स्कूल खोलने की आवश्यकता पर सवाल उठाया है।
उन्होंने कहा, परियोजना में 40 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है। हमारे पास पहले से ही देश में पांच मिलिट्री स्कूल हैं, जिनमें से दो राजस्थान में, दो कर्नाटक में और एक हिमाचल प्रदेश में हैं। लखनऊ में भी एक सैनिक स्कूल है और झांसी, अमेठी और मैनपुरी में भी एक-एक है। ये संस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं, इसलिए आरएसएस को अपनी आर्मी स्कूल चलाने की जरूरत कहां है। अखिलेश ने कहा कि आरएसएस जाहिर तौर पर आर्मी स्कूल खोलकर अपना राजनीतिक मतलब साधना चाहता है, जहां छात्रों को मॉब लिंचिंग और सामाजिक सद्भाव में बाधा डालने जैसी बातें सिखाई जाएंगी।