जस्टिस नज्मी वजीरी ने केंद्रीय शिक्षा सचिव को संक्षिप्त हलफनामा दाखिल कर जवाब माँगा है कि उन्होंने ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों के लिए 12वीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा (RTE) का प्रावधान करने के आदेश का पालन क्यों नहीं किया है? हाईकोर्ट ने यह आदेश वकील अशोक अग्रवाल की ओर से दाखिल अवमानना याचिका पर विचार करते हुए दिया है। कोर्ट ने केंद्रीय शिक्षा सचिव से मामले की अगली सुनवाई से पहले जवाब दाखिल करने को कहा है। अगली सुनवाई 17 मार्च को होनी है।
शिक्षा का अधिकार कानून में फिलहाल ईडब्ल्यूएस श्रेणी व वंचित समुदाय के बच्चों के लिए निजी स्कूलों में आठवीं कक्षा तक निःशुल्क शिक्षा मुहैया कराने का प्रावधान है, लेकिन इस कानून के तहत दाखिला लेने वाले बच्चों को स्कूल आठवीं कक्षा के बाद फीस देने अन्यथा स्कूल से बाहर कर रहे हैं। हाईकोर्ट के दो जजों की बेंच ने गैर सरकारी संगठन सोशल जूरिस्ट की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर विचार करते हुए केंद्र सरकार को शिक्षा के अधिकार में कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया था। इसके तहत पीठ ने ईडब्ल्यूएस और वंचित समूह के बच्चों के लिए 12वीं कक्षा तक शिक्षा को निशुल्क करने का प्रावधान करने का आदेश दिया था।