scriptइस स्कूल ने पहली कक्षा में नहीं दिए आरटीई में प्रवेश | Some schools are not giving admissions under RTE | Patrika News
शिक्षा

इस स्कूल ने पहली कक्षा में नहीं दिए आरटीई में प्रवेश

जयपुर स्थित सवाई मानसिंह स्कूल में तीन साल पहले जानबूझकर शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइमरी कक्षा में प्रवेश के लिए सीट 24 से घटाकर 8 कर दी गईं।

Aug 30, 2018 / 10:50 am

अमनप्रीत कौर

Right to Education

Right to Education

जयपुर स्थित सवाई मानसिंह स्कूल में तीन साल पहले जानबूझकर शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइमरी कक्षा में प्रवेश के लिए सीट 24 से घटाकर 8 कर दी गईं। इतना ही नहीं, स्कूल प्रबंधन ने आरटीई के नियमों का उल्लंघन कर पहली कक्षा में नि:शुल्क सीटों पर प्रवेश भी नहीं दिए। एसएमएस स्कूल को लेकर शिक्षा विभाग की जांच-रिपोर्ट में एेसे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
स्कूल ने न केवल ‘फर्जी’ किराएनामे लेकर प्रवेश दिए, बल्कि गरीब बच्चों को कम से कम सीट देने के चक्कर में नियमों को भी मनमर्जी से तोड़़ा-मरोड़ा गया। रिपोर्ट से सामने आया है कि स्कूल में शैक्षिक सत्र 2013-14 में एंट्री कक्षा (नर्सरी या पीपी थ्री प्लस) में प्रवेश की कुल क्षमता 96 थी, जिसके कारण इस कक्षा में नि:शुल्क सीट्स पर 24 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया।
शैक्षिक सत्र 2014-15 में विद्यालय ने एंट्री कक्षा की प्रवेश क्षमता 96 से घटाकर 32 कर दी। जिसके कारण नि:शुल्क सीटों पर प्रवेश की क्षमता 24 से घटकर 8 ही रह गई। जांच कमेटी को स्कूल प्रबंधन ने इसका कोई स्पष्ट कारण भी नहीं बताया। ऐसे में जांच कमेटी ने इसके पीछे प्रबंधन का स्वार्थ माना। कमेटी ने इसे रिपोर्ट में कोट करते हुए लिखा, ‘सीटें कम करने के पीछे प्रबंधन की ओर से अन्र्तनिहित स्वार्थपूर्ति के लिए ऐसा किया जाना स्पष्ट है, जिससे सरकार/शिक्षा विभाग की दखलअंदाजी केवल 8 बच्चों तक ही सीमित हो। तथा शेष सीटों पर वे अपनी मनमर्जी से स्वच्छंदता पूर्ण तरीके से प्रवेश कर सकें।’
ये है आरटीई का नियम

सरकार ने आरटीई अधिनियम की अनुपालना के संबंध में 17 जनवरी 2014 को नियम जारी किए थे। जिनके अनुसार जिन स्कूलों में एंट्री कक्षा की प्रवेश क्षमता कम होती है तथा इसकी तुलना में कक्षा 1 में प्रवेश क्षमता अधिक होती है। ऐसे स्कूलों को एंट्री कक्षा के अलावा कक्षा 1 में भी 25 प्रतिशत की सीमा तक नि:शुल्क सीटों पर प्रवेश देना होता है। मगर एसएमएस स्कूल में इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
पहली कक्षा में छात्रों की संख्या बताई शून्य

स्कूल प्रशासन के अनुसार एंट्री कक्षा पीपी3प्लस में जहां केवल 32 विद्यार्थी हैं, वहीं कक्षा १ में छात्र संख्या जीरो बताई गई है। जबकि दूसरी कक्षा में 145 विद्यार्थी हैं। एक कक्षा में बच्चों की संख्या जीरो व अगली कक्षा में 145 बच्चों का होना जांच कमेटी ने गंभीर माना है। जांच रिपोर्ट में इसका उल्लेख करते हुए लिखा है कि स्कूल ने दुर्भावना पूर्ण तरीके से कक्षा एक में बच्चों की संख्या जीरो रखी गई है। ताकि आरटीई में प्रवेश नहीं देना पड़े। नियमों में हेरफेर का जवाब भी स्कूल प्रबंधन नहीं दे पाया।

Home / Education News / इस स्कूल ने पहली कक्षा में नहीं दिए आरटीई में प्रवेश

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो