इसको देखते हुए झारखंड (Jharkhand) में शिक्षा विभाग (education Department) नया प्रयोग करने जा रही हैं। यह कोरोना काल (Coronavirus Outbreal) में सबसे बड़ी पहल होगी। इस पहल के तहत विभाग ने तय किया है कि जब छात्र स्कूल नहीं आ सकते तो अब शिक्षक ही गांव की ओर रुख करेंगे और अपने स्कूल ही क्षेत्रों में रोज कम से कम 2-2 घंटे का समय देंगे। इस दौरान शिक्षक अपने स्कूल क्षेत्र में जाकर 10-10 बच्चों को दो-दो घंटा पढ़ाएंगे। यह पहल एक सप्ताह के अंदर शुरू हो जाएगी। इसके तहत शिक्षक गांव में किसी एक जगह 10 बच्चों को एकत्र कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पढ़ाएंगे।
शुरू होगा ‘गांव चले हम’ अभियान
इस अभियान को ‘गांव चले हम’ अभियान का नाम दिया गया है। व्हाट्सऐप से डिजिटल कंटेंट भेजने और दूरदर्शन से पढ़ाई के बाद शिक्षा विभाग का बच्चों को पढ़ाने का यह तीसरा प्रयास होगा।
एक सप्ताह में होगा अभियान शुरू शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि ‘गांव चले हम’ अभियान एक सप्ताह में शुरू किया जाएगा, जहां शिक्षक अपने क्षेत्र में जा कर बच्चों को दो- दो घंटे पढ़ाएंगी। ये वे बच्चे है जो ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकते। स्कूल बंद होने की वजह से इनकी पढ़ाई बधित हो रही है। सभी बच्चे दूरदर्शन से भी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।
दो शिक्षकों का आना अनिवार्य मंत्री ने कहा कि सभी स्कूलों में कम से कम दो शिक्षकों का आना अनिवार्य किया गया है। ये शिक्षक स्कूलों में नामांकन, किताबों और मिड डे मील के खाद्यानों का वितरण कर रहे हैं। अभियान शुरू होते ही सभी शिक्षकों को स्कूल आना होगा व गांवों में जाना होगा। मंत्री ने कहा कि वे शिक्षकों से निवेदन कर रहे हैं कि इस अभियान से जुड़ें और झारखंड के भविष्य को संवारें। मंत्री ने आग्रह किया कि वे अपने समय का सदुपयोग करते हुए कोरोना काल में अपने छात्रों को शैक्षणिक रूप से आगे रखें।
हो रही है दूरदर्शन से पढ़ाई गौरतलब है कि ऑनलाइन एजुकेशन न होने की वजह से सरकारी स्कूल के बच्चे 11 मई से दूरदर्शन पर पढ़ाई कर रहे हैं। झारखंड शैक्षणिक परियोजना परिषद ने डिजिटल कंटेंट तैयार कर दूरदर्शन को उपलब्ध कराया है।