सीबीएसई का यह सालाना प्रोग्राम हर साल फरवरी में शुरू होता है और अप्रेल तक स्टूडेंट्स को काउंसलिंग दी जाती है। हालांकि स्टूडेंट्स एग्जाम रिजल्ट आने के बाद भी इन हैल्पलाइंस पर कॉल करते हैं। काउंसिलंग टीम स्टूडेंट्स के पढ़ाई संबंधी स्ट्रेस के अलावा
ब्रेकअप इशू, पेरेंट्स के साथ हुई बहस, नर्वसनेस आदि जैसी समस्याओं का भी समाधान करती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1 फरवरी से 16 मई तक हैल्पलाइन को लड़कियों के मुकाबले लडक़ों के तीन गुना ज्यादा कॉल्स रिसीव हुए हैं।
बोर्ड ने इस साल कुल 3467 कॉलर्स को काउंसिल किया है, जिसमें से 74 प्रतिशत कॉल्स करियर रिलेटिड थीं। वहीं इस हैल्पलाइन नंबर पर 373 पेरेंट्स ने भी कॉल किया है, जबकि बचे हुए 3094 कॉल्स में से 962 कॉल्स लड़कियों थीं और 2132 कॉल्स लडक़ों की आईं। इनमें से 1523 कॉल्स 10वीं के स्टूडेंट्स की थीं, जबकि 1431 कॉल्स 12वीं के स्टूडेंट्स की थीं। वहीं इस हैल्पलाइन पर कॉल करने वाले 140 स्टूडेंट्स अन्य क्लासेस के थे।
कुल 91 काउंसलर्स ने भारत और विदेशी कॉल्स को आंस्वर किया और स्टूडेंट्स की समस्याओं का हल किया। सीबीएसई की यह हैल्पलाइन 800118004 सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक काम करती है। काउंसलिंग टीम में प्रिंसीपल्स, ट्रेंड काउंसलर्स, साइकोलॉजिस्ट्स और स्पेशल एजुकेटर्स शामिल किए गए थे। इस टीम में से 71 काउंसलर्स भारत में थे, वहीं 20 नेपाल, साउदी अरबिया, ओमान, यूनाइटेड अरब एमीरात (दुबई, शारजाह, रस अल खइमाह), कुवैत, सिंगापुर, कतर और जापान में थे।