2018 में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रिय प्रशासनिक अकादमी, मसूरी में प्रशिक्षण ले रहे 370 में से 8 उम्मीदवारों ने परीक्षा हिंदी में दी थी। 2013 में 268 सफल उम्मीदवारों में से 34 ने हिंदी में परीक्षा दी थी। हिंदी माध्यम के विश्वविद्यालयों से पढ़े उम्मीदवारों का चयन कम हुआ है। धरने पर बैठे छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्यवाही को स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव ने अमानवीय बताया है। उन्होंने कहा, एक तरफ सरकार युवाओं की बात सुनने को तैयार नहीं और ऊपर से इस तरग का बर्ताव किया जा रहा है।
2011 में सीसैट हुआ शामिल
चयनित हिंदी माध्यम के उम्मीदवारों में गिरावट का सिलसिला तब शुरू हुआ, जब वर्ष 2011 में प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट को शामिल किया गया। 2013 में सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में भी बदलाव हुआ। छात्र दो वैकल्पिक विषय को चुन सकते थे। 400 अंकों का सामान्य अध्ययन और 200 अंकों का सीसैट होता है। हिंदी माध्यम के छात्र अंग्रेजी कंप्रीहेंसन के सवालों में फंस जाते हैं क्योंकि इनके अनुवाद जटिल होते हैं। सफलता के ग्राफ की बात करें तो हिंदी माध्यम के चयनित उम्मीदवार 2013 में 17 प्रतिशत थे जो 2018 तक 2.16 प्रतिशत रह गए।