पार्टी के इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश में बीजेपी के मुख्यमंत्री चेहरे पर एक बार फिर संशय गहरा गया है। सियासी गलियारों में योगी आदित्यनाथ को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम और काम को भी भुनाने की कोशिश होगी। गौरतलब है कि बीते दिनों केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर हुई बैठक में प्रधानमंत्री की लोकप्रियता भुनाने की कोशिश हुई थी।
इस बार 50 साल से कम उम्र के ‘सेनापति’ लड़ेंगे देश की सबसे बड़ी चुनावी जंग
कांग्रेस : सस्पेंस बरकार
2022 में कांग्रेस पार्टी का सीएम कैंडिडेट कौन होगा, अभी इस पर संशय बरकरार है। कुछ दिनों पहले चर्चा प्रियंका गांधी के नाम की हुई थी। फिर नाम कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी का सामने आया। बीते दिनों अचानक चर्चा में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद भी आ गये। हालांकि, प्रियंका गांधी सीएम कैंडिडेट घोषित करने में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहतीं। उनका कहना है कि वक्त आने पर कैंडिडेट का एलान कर दिया जाएगा।
समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव अखिलेश यादव के नाम और उनके काम पर ही लड़ेगी। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का दावा है कि पूर्ववर्ती सपा सरकार ने उत्तर प्रदेश का चौतरफा विकास किया था। बीजेपी सरकार उनके कार्यकाल में ही किये कामों का श्रेय ले रही है। उन्होंने कहाकि अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी 2022 में सरकार बनाने में सफल होगी। 2012 में अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।
प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिये बहुजन समाज पार्टी ब्राह्मणों को रिझाने की कवायद में जुटी है। 2022 में मायावती ही पार्टी का सीएम चेहरा होंगी। दलित-ब्राह्मण गठजोड़ के सहारे वह यूपी में वापसी की कवायद में लगी हैं। इससे पहले भी चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बन चुकी हैं।