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UP Assembly Elections 2022: कांग्रेस-रालोद मिलकर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव, सीटों के बंटवारे का खाका हुआ तैयार

UP Assembly Elections 2022: सपा-रालोद के बीच अभी तक सीटों को लेकर सहमति नहीं बनी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ ऐसी सीटें हैं जिस पर सपा और रालोद दोनों ही चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुकी हैं। पश्चिमी यूपी में रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी की मेहनत अब रंग दिखा रही है। लेकिन इसका परिणाम विधानसभा चुनाव 2021 के बाद दिखाई देगा।

मेरठNov 02, 2021 / 10:57 am

Nitish Pandey

UP Assembly Elections 2022: विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। 2022 के चुनावी समर में जहां सत्तारूढ भाजपा इस बार अकेले ही प्रदेश में ताल ठोकने रही है। वहीं दूसरी अन्य पार्टियां कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद, भाजपा को प्रदेश में पार्ट-2 की पारी खेलने से रोकने के लिए साथी की तलाश में हैं। सपा-रालोद दोनों ही मिलकर चुनाव लड़ने की बात कर रही हैं। लेकिन सीट के बंटवारे के मुददे पर दोनों दल के शीर्ष नेताओं में अभी तक सहमति नहीं बन पाई है।
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रालोद से हाथ मिलाना चाहती है कांग्रेस

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से हुई मुलाकात के बाद इस बात को बल मिलने लगा है कि दोनों ही दल अब प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़ेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का जनाधार कहे जाने वाले नेता हरेंद्र मलिक और उनके बेटे पार्टी छोड़कर सपा की साइकिल में सवार हो गए हैं। इससे पश्चिमी में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस अपनी इस राजनैतिक भरपाई के लिए रालोद के साथ हाथ मिलाना चाहती है। जिससे कि कांग्रेस को पश्चिमी यूपी में मजबूती मिल सके।
बड़ी पार्टी के रुप में उभरने की स्थिति में रालोद

किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आरएलडी फिर से उभरने की स्थिति में है। वह इस क्षेत्र में सीटों के बड़े हिस्से की मांग कर रही है, जबकि सपा 15 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है। समाजवादी पार्टी और रालोद के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर तनाव और अधिक बढ़ गया है।
महत्वपूर्ण मानी जा रही है प्रियंका-जयंत की मुलाकात

बीते रविवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के साथ लखनऊ हवाईअड्डे के वीआईपी लाउंज में मुलाकात की थी। प्रियंका गांधी एक रैली को संबोधित करके गोरखपुर से लौट रही थीं और चौधरी लखनऊ में अपनी पार्टी का घोषणा पत्र जारी करने के बाद दिल्ली जा रहे थे। करीब एक घंटे तक चली इस राजनैतिक बैठक के दौरान उन्होंने राजनीतिक हालात पर चर्चा की और बाद में चौधरी जयंत, कांग्रेस महासचिव के साथ विमान में दिल्ली के लिए रवाना हो गए। राजनैतिक गतियारों में यह बैठक महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कांग्रेस से गठबंधन के बाद रालोद को होगा लाभ

कांग्रेस और रालोद के गठबंधन के बाद अगर सबसे अधिक किसी को लाभ होगा तो वह जयंत चौधरी को। कांग्रेस से रालोद के गठबंधन होने पर जयंत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिक से अधिक सीट पर अपने उम्मीदवार उतार सकेंगे। जैसा कि वे चाहते हैं कि मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, शामली, सहारनपुर, बिजनौर, मथुरा, आगरा, बागपत, बुलंदशहर अलीगढ, मुरादाबाद, रामपुर, नोएडा आदि में रालोद अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव मैदान में उतरे। अगर कांग्रेस से उनका गठबंधन होता है तो निसंदेह इसका लाभ रालोद को अधिक होगा।
बनी सहमति तैयार हुआ खाका

दोनों दलों में सहमति का खाका करीब-करीब तैयार हो चुका है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रालोद अध्यक्ष से उन सीटों की सूची मांगी है। जिन पर रालोद उम्मीदवार मजबूती से चुनाव लड़ सकते हैं। इसके बाद सीटों के बंटवारे पर मुहर लगाई जाएगी।
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