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विशेष बातचीत :- राज्यपाल न रबर स्टाम्प, न पोस्ट ऑफिस : राज्यपाल जगदीप धनखड़

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से विशेष बातचीत…

नई दिल्लीApr 10, 2021 / 08:17 am

विकास गुप्ता

West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar

West Bengal Governor Jagdeep Dhankhar

सिद्धार्थ भट्ट

कोलकता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की सियासी हलचल से लेकर निर्वाचन प्रक्रिया पर राजभवन की पूरी नजर है। हालांकि राज्यपाल जगदीप धनखड़ व सीएम ममता बनर्जी के बीच विभिन्न मसलों को लेकर तकरार के किस्से किसी से छिपे नहीं हैं। केंद्र व राज्यों के बीच रिश्तों तथा प्रदेश में खासकर विरोधी दल की सरकार होने पर राजभवन की भूमिका कैसी रहनी चाहिए, इस पर प्रस्तुत है राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बातचीत के प्रमुख अंश…

राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों के बीच टकराव की खबरें मिलती रहती हैं। इससे कैसे बचें?
राज्यपाल का पद इजी पंचिंग बैग की तरह होता है। केंद्र और राज्य में जब अलग-अलग राजनीतिक दलों की सरकार होती हैं, तब टकराव के आरोप लगते रहते हैं। संविधान की रक्षा और जनता की सेवा राज्यपाल का महत्त्वपूर्ण दायित्व होता है तो मुख्यमंत्री की भी यही जिम्मेदारी है। मैंने हमेशा संविधान की लक्ष्मण रेखा के दायरे में रहकर ही काम किया है।

अलग-अलग दलों की सरकारें होने पर केंद्र व राज्यों के बीच मधुर संबंध बनाने में राज्यपाल की भूमिका क्या है?
राज्यपाल और मुख्यमंत्री को मिलकर राज्य के विकास पर कार्य करना चाहिए। राज्य की विकास परियोजनाओं में राजभवन को भी भागीदार बनाना चाहिए। दोनों को शपथ के अनुसार संविधान के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। राज्य सरकार संविधान के अनुरूप कार्य नहीं करे तो उसे आगाह करना राज्यपाल का संवैधानिक दायित्व होता है। मुझे संतोष है कि मैंने पश्चिम बंगाल में संविधान की जड़ें मजबूत की हैं।

आपके व सीएम के बीच टकराव की अनेक कहानियां रही हैं। क्या कहेंगे?
मेरा कार्य न किसी को टक्कर देना है और न ही किसी से मेरा टकराव है। ममता जी से मेरे व्यक्तिगत संबंध मधुर हैं। मैं कोई बात संविधान विरुद्ध देखता हूं, तब ही दखल देता हूं।

राज्यपाल के पद के बारे में आपका क्या कहना है?
राज्य सरकार संविधान के अनुरूप काम करे। यह राज्यपाल की जिम्मेदारी होती है। राज्यपाल न तो रबर स्टाम्प होता और न ही पोस्ट ऑफिस। संविधान निर्माताओं ने विवेकपूर्ण ढंग से राज्यपाल को कई महत्त्वपूर्ण अधिकार दिए हैं।

बंगाल में अपनी भूमिका को आप किस तरह से लेते हैं?
मेरा कोई भी काम किसी पद पर बैठे व्यक्ति से प्रभावित नहीं होता। मैंने सभी के विचारों को ग्रहण किया, लेकिन फैसले संविधान के प्रावधानों के अनुसार ही किए।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संबंध कैसे होने चाहिए?
दोनों के बीच संबंध एक और एक ग्यारह के जैसे होने चाहिए। जब भी मौका लगे तब राज्यपाल व मुख्यमंत्री मिलकर केंद्र से राज्य की समस्याओं के हल पर बातचीत करें।

आप देश के नामी-गिरामी वकील रहे हैं। ऐसे में अदालती दिनों को कैसे याद करते हैं?
(मुस्कुराते हुए) मैं गौरवान्वित हूं कि मैंने काला कोट पहना है। निम्न तबके को न्याय दिलाने का भरसक प्रयास किया है।

बंगाल में विधानसभा चुनाव में अब तक के दौर पर आप क्या कहेंगे?
पश्चिम बंगाल में चुनाव चुनौतीपूर्ण रहे हैं। 2018 के पंचायत चुनाव व 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भयावह स्थिति थी। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में काफी बदलाव हुआ है। तीन चरणों के मतदान में बूथ के अंदर हिंसा की कोई घटना नहीं घटी है। लोगों ने स्वतंत्र ढंग से मताधिकार का प्रयोग किया है। 84% के करीब मतदान बंगाल में लोगों के लोकतंत्र के प्रति रुझान को इंगित करता है।

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