चुनाव

UP Assembly Elections 2022 : एक्सप्रेस-वे से खुशी, गंदगी और टूटी सड़कों के कारण नाराजगी भी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में गिने जाने वाले संगीत सोम, सरधना सीट से विधायक हैं। मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा सीट को लेकर वर्ष 2002 से एक मिथक भी प्रचलित है। यह कहा जाता है कि जिस दल को यहां जीत मिलती है, उसकी प्रदेश में सरकार बनती है।

मेरठNov 24, 2021 / 01:58 pm

lokesh verma

नवनीत मिश्र
भले ही विधानसभा चुनाव में अभी समय है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से लेकर गांवों तक अब चुनावी चर्चा होने लगी है। शहर से लेकर देहाती इलाकों में जाकर उन चुनावी मुद्दों की पड़ताल की, जो जनता के जेहन में चल रहे हैं। मेरठ शहर के बेगमपुरा चौराहे पर मिले रिक्शा चालक रमेश और गंगाराम की राय मिली-जुली रही। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन ने उनकी कमर तोड़ दी। मुफ्त राशन से कुछ राहत मिली, लेकिन अब बैटरी रिक्शा के आने के बाद साइकिल रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी मुश्किल हुई है। मेरठ रोडवेज के पास मिले दुकानदार गौरव गुप्ता ने कहा कि अपराध कम हुए हैं। राजेंद्र प्रसाद ने महंगाई रोकने में सरकार की विफलता पर नाराजगी जताई।
सराफा बाजार में मौजूद सर्वेश कुमार ने कहा कि जाम की समस्या नासूर बन चुकी है। बाहर हाईवे तो अच्छे बन रहे हैं, लेकिन शहर के अंदर की सड़कें टूटी-फूटी हैं। अतिक्रमण से शहर की सुंदरता पर दाग लग रहा है। युवा अंकित ने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के जरिए रैपिड रेल प्रोजेक्ट पर काम होने से हम खुश हैं। विशाल कुमार ने कहा कि मेरठ भी एनसीआर में आता है, लेकिन मेरठ को उतना लाभ नहीं मिला, जितना नोएडा और गाजियाबाद को मिला है। हम चाहते हैं कि मेरठ भी मल्टीनेशनल कंपनियों का गढ़ बने, जिससे दिल्ली का बोझ भी कम होगा और युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिलेगा।
मेरठ शहर से 37 किलोमीटर दूर हस्तिनापुर जाने में हमें करीब एक घंटे लगा। यह वही हस्तिनापुर है, जिसका उल्लेेख महाभारत में है। कभी यहां कौरवों की राजधानी थी। हस्तिनापुर में कई भव्य जैन मंदिर आकर्षण का केंद्र हैं। यहां मिले अंबिकेश्वर प्रसाद ने कहा कि महाभारतकालीन हस्तिनापुर को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को बहुत कुछ करने की जरूरत है। हस्तिनापुर में महिला सुनीता ने बताया कि लॉकडाउन में उनके खाते में पैसे आए थे। लेकिन, पति की रोजी-रोटी लॉकडाउन के बाद से पटरी पर नहीं आई है।
मेरठ में मवाना एक टाउन एरिया है। यहां मूंगफली बेच रहे ईश्वचंद ने कहा कि पहले हमारा क्षेत्र जानवर तस्करों का गढ़ बन गया था। अब जानवर चोरी की घटनाएं बंद हुई हैं। ठेले पर केला बेच रहे योगेश प्रजापति ने कहा कि पहले शहर से लौटने में रात होती थी, तो गांव के रास्ते डराते थे। राहजनी आम बात थी। अब रात के दस बजे हों या दो बजे, बेफिक्र लोग निकल सकते हैं। किराना दुकानदार राहुल गुप्ता ने अपने अंदाज में अपराध कम होने का कारण बताते हुए कहा, ‘देखो जी, बड़े अपराधियों को पुलिस ने अंदर कर दिया। पकड़े जाने पर छोटे अपराधियों को ‘ठीकÓ कर दिया। उनकी हालत देखकर अपराधियों की नई नस्लें तैयार होनी बंद हो गईं।Ó मेरठ के मवाना से करीब 35 किलोमीटर दूर किठौर पड़ता है। किठौर नाम से विधानसभा क्षेत्र भी है। किठौर के हापुड़ अड्डा पर मिले चौधरी मकसूर ने कहा कि किठौर को तहसील बनाने की लंबे समय से मांग चली आ रही है। यहां सीएचसी में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं। खुर्रम खान ने कहा कि समस्याएं इसलिए हैं, क्योंकि जनता भी असली मुद्दों की बजाय धर्म और जाति देखकर वोट देती है। मुझे तो सबसे बड़ा मुद्दा हिंदू-मुस्लिम का ही दिखता है। किसान ओमवीर ने बताया कि अगर 14 दिन के अंदर बकाया राशि का भुगतान हो, तो गन्ना किसानों की सारी तकलीफ दूर हो जाए। हालांकि, पहले से भुगतान व्यवस्था कुछ सुधरी है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 3,443,689 आबादी और 72.84 प्रतिशत साक्षरता दर वाले वाले मेरठ जिले में कुल सात विधानसभा सीटें हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में शहर को छोड़कर अन्य छह सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। शहर की सीट पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी को सपा के रफीक अंसारी ने हराया था, जबकि कैंट, हस्तिनापुर, किठौर, सरधना, सिवालखास और मेरठ दक्षिण पर कमल खिला था। गौरतलब है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भाजपा के फायरब्रांड नेताओं में गिने जाने वाले संगीत सोम, सरधना सीट से विधायक हैं। मेरठ जिले की हस्तिनापुर विधानसभा सीट को लेकर वर्ष 2002 से एक मिथक भी प्रचलित है। यह कहा जाता है कि जिस दल को यहां जीत मिलती है, उसकी प्रदेश में सरकार बनती है।

Home / Elections / UP Assembly Elections 2022 : एक्सप्रेस-वे से खुशी, गंदगी और टूटी सड़कों के कारण नाराजगी भी

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.