इन मंत्रियों ने छोड़ी भाजपा
1. स्वामी प्रसाद मौर्य
स्वामी प्रसाद मौर्य की करें तो वह भाजपा से पडऱौना से विधायक हैं। स्वामी प्रसाद की दिक्कत अपने बेटे उत्कृष्ट मौर्य को टिकट दिलाने को लेकर थी। भाजपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में उत्कृष्ट को ऊंचाहार से टिकट दिया था। लेकिन वे सपा के मनोज पांडेय से हार गए। त्यागपत्र के पीछे चर्चा है कि उत्कृष्ट मौर्य को फिर से टिकट देने की मांग भाजपा को स्वीकार नहीं थी। उनकी नाराजगी की यही सबसे बड़ी वजह थी। इनकी बेटी संघमित्र मौर्य बदायूं से भाजपा की सांसद हैं।
2. दारा सिंह चौहान
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा पूरे पांच साल अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। दारा सिंह चौहान भी बसपा के कद्दावर नेता रहे हैं और पिछले चुनाव में ही भाजपा में आए थे।
3.डॉ. धर्म सिंह सैनी
नकुड़ से वर्ष 2017 में भाजपा से विधायक बने थे। इसके पहले 2012 में बसपा के सिंबल पर चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे थे। वे योगी सरकार में स्वतंत्र प्रभार मंत्री थे और स्वामी प्रसाद मौर्य के खास लोगों में हैं।
1.विनय शाक्य
इटावा की विधूना सीट से भाजपा विधायक विनय शाक्य भी बागी हो गए हैं। उनकी बेटी रिया ने अपने पिता के अपहरण की आशंका जताई जबकि पुलिस ने इससे इनकार किया। बाद में विधायक ने स्वयं सपा में जाने की घोषणा कर दी। विधायक शाक्य भी मौर्य के समर्थकों में गिने जाते हैं।
2.ब्रजेश प्रजापति
बांदा की तिंदवारी सीट से विधायक ब्रजेश कुमार प्रजापति स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा में आए थे। बांदा के एक भाजपा नेता का कहना है कि टिकट कटने के डर से ब्रजेश प्रजापति ने भाजपा छोड़ी है।
3.भगवती प्रसाद सागर
बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती प्रसाद सागर 2017 के चुनाव से पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भाजपा ज्वाइन की थी। इनकी पार्टी छोडऩे की वजह स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थक होना है।
4.रोशन लाल वर्मा
शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशन लाल वर्मा को स्वामी प्रसाद मौर्य का बेहद खास माना जाता है। मौर्य का राजभवन तक त्यागपत्र ले जाने वाले रोशन लाल वर्मा की ही थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार जितिन प्रसाद को हराया था।
5.माधुरी वर्मा
बहराइच जिले की नानपारा सीट से विधायक माधुरी वर्मा ने भाजपा से बगावत करते हुए समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली है। इनके पति दिलीप वर्मा सपा से विधायक रह चुके हैं। माधुरी वर्मा को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
6.राकेश वर्मा
सीतापुर सदर से विधायक राकेश वर्मा वर्ष 2017 के चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन जीतने के बाद से ही वर्मा बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने लगे। आखिरकार भाजपा को अलविदा कहते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
7.जय चौबे
खलीलाबाद के भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे (जय चौबे) पार्टी से बगावत कर सपा में शामिल हो चुके हैं। वे २०१२ में भाजपा से चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे।
8.राधाकृष्ण शर्मा
बदायूं जिले की बिल्सी विधानसभा सीट के विधायक पंडित राधाकृष्ण शर्मा भी सपा में चले गए हैं। शर्मा को सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव के जरिए सपा में लाया गया। भाजपा से टिकट न मिलता देख शर्मा लंबे समय से भाजपा से दूर थे।
9. मुकेश वर्मा
शिकोहाबाद के विधायक मुकेश वर्मा ने भी भाजपा को छोड़ते हुए सपा में जाने के संकेेत दिए हैं। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को अपना नेता माना है। उन्होंने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।