विगत दो वर्षों में सरकार उद्यानिकी विभाग के लिए केवल राष्ट्रीय कृषि विकास योजना व राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन जैसी कुछ विशेष योजनाओं के लिए बजट निर्धारित करती रही है। लेकिन अब की बार बाकी की दूसरी योजनाओं के लिए भी अलग से भारी भरकम बजट जारी किया है।
प्रदेश सरकार के बजट में अब की बार माइक्रो इरिगेशन में 300 करोड़, भावांतर भुगतान में 250 करोड़, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में 92 करोड़, राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन योजना में 63 करोड़ व बीमा योजना में 51 करोड़ रुपए का बजट देने के अलावा 1158 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट दिया है। जिससे उम्मीद लगाई जा रही है कि अब की बार किसानों को बीज, यंत्र व प्रदर्शन सहित अन्य दूसरी योजनाओं में बजट मिल सकेगा।
अब की बार बजट में उद्यानिकी विभाग की ओर से घोषित किया गया बजट पिछले वर्ष की तुलना में करीब पांच गुना है। योजनाओं के साथ विशेष विभाग के लिए विशेष बजट मिलाकर अब की बार १९१४ करोड़ रुपए जारी किया गया है। जबकि पिछले वर्ष की बजट ३९४ करोड़ रुपए तक ही सीमित रहा है। वर्ष २०१६ का बजट भी कुछ इसी प्रकार का रहा है। यही वजह है कि किसानों को पिछले दो वर्षों मेंं योजनाओं के नाम पर नहीं के बराबर अनुदान मिला है।
उद्यानिकी में प्रदेश सरकार के साथ केंद्र पोषित योजनाएं भी संचालित की जाती है। लेकिन ज्यादातर योजना राज्य की हैं। विभाग में शुरू की गई प्रमुख योजनाओं में फल पौधरोपण, सब्जी क्षेत्र विस्तार, मसाला क्षेत्र विस्तार, कृषक प्रशिक्षण, प्रदर्शनी, यंत्रीकरण, औषधीय व सुगंधित फसल क्षेत्र विस्तार, किचन गार्डन व पॉलीहाउस सहित अन्य योजनाओं में किसानों को अनुदान दिया जाता है। गौरतलब है कि इनमें से ज्यादातर योजनाओं में पिछले दो वर्षों से कोई अनुदान नहीं मिल रहा है।