फिल्म पर रोक से शशिधरन परेशान और नाराज हैं। उन्होंने यह तक कह दिया कि भारत ‘ईरान जैसा देश बनता जा रहा है।’ शशिधरन ने बताया, “मैं सेंसर बोर्ड की राय का इंतजार कर रहा हूं। मैं इसके लिए लडऩे जा रहा हूं, क्योंकि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कलात्मक चीज रचने की स्वतंत्रता का सवाल है… मैं चुप नहीं बैठूंगा। मैं इसके लिए कोर्ट जाऊंगा… इस लड़ाई के लिए जो भी कर सकता हूं, करूंगा।”
बता दें कि राजश्री देशपांडे और कन्नन नायर अभिनीत ‘सेक्सी दुर्गा’ एक ऐसी फिल्म है, जिसमें यह दिखाया गया है कि एक पुरुष प्रधान समाज में जुनून और पूजा कैसे तेजी से उत्पीडऩ और
शक्ति के दुरुपयोग की मानसिकता पैदा करती है। उन्होंने कहा, “दुर्गा फिल्म का नायक है।”
फिल्म निर्माता ने कहा, “मेरा कहने का मतलब है, भारत में दुर्गा नाम बड़ा ही सामान्य है। यह केवल देवी का नाम नहीं है। यहां कई इंसानों का नाम दुर्गा है। लेकिन आप देख सकते हैं कि उनके साथ इंसानों जैसा बर्ताव तक नहीं किया जाता। जब उन्हें मदद की जरूरत होती है, तब लोग उन्हें नकार देते हैं। लेकिन जब एक फिल्म का शीर्षक इस नाम से आता है तो लोग चिल्लाने लगते हैं, रोने लगते हैं और कहते हैं कि इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं।” उन्होंने कहा, “भारतीय फिल्म निर्माता सच्चाई पर आधारित फिल्में बनाने का साहस दिखाते हैं, इसके लिए आंदोलन करते हैं, और वे (सरकार) उस आंदोलन को कुचलने की कोशिश कर रहे हैं। यह बहुत ही मुश्किल समय है।”
महोत्सव की निदेशक स्मृति किरण ने आईएएनएस को बताया, “हमें थिएटर में फिल्में चलाने के लिए सेंसर से छूट या प्रमाणीकरण की आवश्यकता होती है। शशिधरन ने अब सेंसर प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया है और हमें उम्मीद है कि वह इसे प्राप्त कर लेंगे, ताकि हम इसे महोत्सव में देख सकें।”