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महिलाओं के हक के लिए बोली स्वरा भास्कर- “अपने भले व हक के लिए संकोच छोड़ें महिलाएं”

अभिनेत्री स्वरा भास्कर का मानना है कि महिलाओं को अपने भले और हक के लिए संकोच छोड़ मुखर बनना चाहिए और गुस्सा जाहिर करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। महिलाओं को अपने भले के लिए संकोच छोड़ मुखर होना चाहिए। उन्हें जोरदार तरीके से बात रखनी चाहिए।

भोपालJul 01, 2017 / 12:01 pm

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‘नील बट्टे सन्नाटा’, ‘अनारकली ऑफ आरा’ और ‘लिसन…अमाया’ जैसी फिल्मों में दमदार भूमिकाएं निभाने वाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर का मानना है कि महिलाओं को अपने भले और हक के लिए संकोच छोड़ मुखर बनना चाहिए और गुस्सा जाहिर करने से भी पीछे नहीं हटना चाहिए। एक बयान के मुताबिक, अभिनेत्री ने अपनी यह राय फेमिना (पत्रिका) के संपादक मंडल द्वारा ‘वीमेन एडिटर्स च्वाइस अवार्ड’ के लिए चुने जाने पर व्यक्त की। 
‘अनारकली ऑफ आरा’ में बेहतरीन अभिनय के लिए इस हफ्ते की शुरुआत में उन्हें फेमिना वीमेन अवाड्र्स कार्यक्रम में इस पुरस्कार से सम्मानित किया। स्वरा ने अपने बयान में कहा, ”महिलाओं को गलत चीजों के प्रति नाराजगी दिखानी चाहिए और जो सही है उसके लिए खड़ा होना चाहिए। महिलाओं को अपने भले के लिए संकोच छोड़ मुखर होना चाहिए। उन्हें जोरदार तरीके से बात रखनी चाहिए। मैं फेमिना द्वारा एक ऐसे चरित्र को पुरस्कृत करने के लिए आभारी हूं, जिसमें ये सभी गुण हैं। हमें ऐसे गुणों की जरूरत है, क्योंकि हमारे आसपास ऐसी कई चीजें हो रही हैं, जो गलत हैं।”
https://twitter.com/FeminaIndia
उन्होंने कहा कि गुस्से और जोरदार ढंग से अपनी बात रखने जैसे गुण महिलाओं को आजादी दिलाते हैं। फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा’ में गांव की एक नाचने व गाने वाली की भूमिका बखूबी निभाने के लिए स्वरा की प्रशंसा की गई। स्वरा (29) ने फिल्म में अपनी भूमिका के बारे में कहा कि यह एक मुश्किल किरदार था, जिसमें राजनीति, अपराध, इतिहास शामिल हैं। उनका किरदार एक ऐसी महिला का है, जो द्विअर्थी गाने गाती है।

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