क्या है मामला थाना सकीट क्षेत्र के कर्मचंद्रपुर निवासी 13 वर्षीय नाबालिग 28 नवम्बर 2012 को घर से कन्या पाठशाला सकीट में पढ़ने के लिए गई थी, लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटी। परिजनों ने तलाश की तो उन्हें पता चला कि पीड़िता 28 की शाम आरोपित लालू पुत्र बदनसिंह निवासी कर्मचंद्रपुर के साथ देखी गयी है। इस सूचना के बाद और तलाश करने पर ज्ञात हुआ कि आरोपित लालू दूसरे आरोपित सुबोधकुमार व अनिल कुमार पुत्रगण खचेर सिंह, शकुन्तला पत्नी खचेर सिंह व स्वयं खचेर सिंह पुत्र भगवानदास के सहयोग से पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया है। पुलिस ने 4 दिसम्बर 2012 को इस मामले को थाने में दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी। इस बीच पीड़िता व आरोपित लालू ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका प्रस्तुत की। इस याचिका में उच्च न्यायालय ने 21 दिसम्बर 2012 को संबंधित जिले के मजिस्टेट्र के समक्ष प्रस्तुत होने, बयान अंकित कराने तथा आयु सम्बन्धी जांच के आदेश दिये। इस आदेश के बाद पुलिस ने 22 दिसम्बर को पीड़िता का बयान अंकित कराते हुए उसका चिकित्सकीय परीक्षण कराया। इसमें पीड़िता नाबालिग पायी गयी। पुलिस द्वारा मामले में आरोप पत्र प्रस्तुत करने के बाद हुए परीक्षण के दौरान पक्ष-विपक्ष की दलीलों व सबूतों के आधार पर न्यायालय ने पाया पीड़िता के साथ आरोपित लालू के साथ अन्य आरोपित सुबोध ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
न्यायालय खलीकुज्जमा ने आरोपित एक महिला सहित लालू, सुबोध, अनिल, खचेरसिंह सहित 5 लोगों को गैंगरेप व एससी/एसटी केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए प्रत्येक आरोपी को 19-19 हजार के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। वहीं आरोपित लालू व सुबोध को दुष्कर्म के मामले में अलग से आजीवन कारावास व 10-10 हजार के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।