एटा जिले में आगरा बरेली हाइवे पर पीएसी हेड क्वार्टर के सामने बदरिया में बड़े व्यापारी सचिन गुप्ता की आटा और मूंगफली दाना की फैक्ट्री हैं। यह बराबर मजदूरी पर मूंगफली को बीनने और साफ करने ओर पिसे हुए आटा की फैक्ट्री में काम करने के लिए फैक्ट्री मालिक खुलेआम 7 से 14 साल के बच्चे बच्चियों को मजदूरी पर रखकर उनसे बाल मजदूरी करवाते हैं। यही नहीं इन बच्चों को फैक्ट्री में बंद कर दिया जाता है और किसी को भी वहां से आसानी से बाहर नही जाने दिया जाता है ।
किसी तरह कैमरे में कैद तो कर लिया परंतु भनक लगते ही फैक्टरी मालिक ने बाल मजदूरी कर रहे इन बाल मज़दूरों को छिप जाने का निर्देश दिया और सभी बच्चे एक साथ अंदर चले गए। बाल मजदूरी के इस काले सच को कैमरे में कैद करने के बाद जब जिला बाल श्रम अधिकारी हरि किरण यादव से बात की गई तो उन्होंने इस मामले में 12 सितंबर 2017 के बाद कार्यवाही करने की बात कही। उन्होंने बताया कि उनका अभी आपरेशन हुआ है और वे अभी बेड रेस्ट पर हैं और आफिस में केवल एक कर्मचारी मौजूद हैं। इसके बाद अलीगढ़ में डिप्टी लेबर कमिश्नर जवी आइशा से बात की गई तो उन्होंने भी मामले से पल्ला झाड़ते हुए दो दिन बाद इस मामले में कार्रवाई करने को कहा। जिले का कोई भी अहिकारी कैमरे पर इस मामले में बोलने को तैयार नही हुआ। अंत में जिला बाल कल्याण समिति की सदस्यता श्रीमती निधि आमौरिया ने हमे कैमरे पर बताया कि इस तरह के बाल मजदूरी के मामलों में कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल मजदूरी श्रम विभाग की लापरवाही का ही नतीजा हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से बच्चों से बाल मजदूरी करवाई जा रही है वह सरासर गलत हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बाल न्यायालय में जितने भी ऐसे मामले आते हैं उनपर कठोर निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने माना कि बच्चो का भविष्य बाल मजदूरी से बर्बाद हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि उनको उनके विभाग के लोग ही सपोर्ट नही करते है।