सोमवार को हरियाणा के वन मंत्री इटावा आ रहे हैं। इससे पहले बिहार, छत्तीसगढ़, एमपी व महाराष्ट्र के वन विभाग के अधिकारी इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं और इटावा सफारी को आदर्श मानकर इसी की तर्ज पर अपने यहां भी सफारी बनाने के प्रयास में जुटे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार की इसमें खासी रुचि है, उनके ओएसडी तथा पटना के वन संरक्षण गोपाल सिंह अपनी टीम के साथ इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बताया था कि नालंदा जिले के राजगीर में 500 हेक्टेयर में सफारी बनाए जाने का प्रस्ताव है। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सीपीएफ कंचन देवी व सीपीएफ लॉयन प्रोजेक्ट पंकज अग्रवाल भी इटावा सफारी आए थे और वे मध्य प्रदेश में वहां की सरकार के निर्देश पर सफारी बनाने के लिए प्रयासरत हैं। इसी तरह छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर वहां के अतिरिक्त सीसीएफ मुदित कुमार भी इटावा आकर सफारी की व्यवस्थाएं देख चुके हैं और अपने राज्य में सफारी के लिए प्रयासरत हैं। महाराष्ट्र के अधिकारी भी इटावा सफारी का दौरा कर चुके हैं।
सफारी में शेरों के रख-रखाव की जानकारी हासिल करने के लिए अन्य राज्यों के अधिकारी खासी रुचि ले रहे हैं। इटावा में गुजरात से लाकर शेरों को शिफ्ट किया गया है। यह शेर न केवल सेहतमंद हैं बल्कि शेरों का कुनवा भी बढ़ रहा है। दूसरे राज्यों से आने वाले अधिकारियों का खासा जोर यह जानकारी हासिल करने में रहता है कि शेरों को दूसरी जगह से शिफ्ट करके किस तरह स्वस्थ रखा जा सकता है और उनका कुनवा बढ़ाया जा सकता है।
कैनाइन डिस्टेम्पर शेरों की जानलेवा बीमारी है और इसका इलाज बेहद कठिन है। इटावा सफारी के शेरों को भी इस बीमारी ने काफी परेशान किया है। जिसके चलते वे काल के गाल में समां गए हैं। उसके बाद अमेरिका की सफारी के सहयोग से कैनाइन डिस्टेम्पर की वैक्सीन विकसित की गई। जिसके चलते इस
जानलेवा बीमारी पर काबू पाया गया है। पिछले दिनों जब गुजरात के शेरों को यह बीमारी लगी थी तब इटावा से ही डाक्टर व वैक्सीन भेजी गई थी।
इटावा सफारी ने देश के अलग-अलग राज्यों के साथ विश्व स्तर पर भले ही अपनी पहचान बना ली है, लेकिन यह अभी तक आम जनता की पहुंच से दूर है। पिछले वर्ष एक जून को मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने इसका उद्घाटन भी कर दिया था, लेकिन इसे पर्यटकों के लिए अभी तक नहीं खोला जा सका है। जिसके कारण आम लोग सिर्फ सफारी की चर्चा सुनते हैं। सफारी के दीदार करने का अवसर उन्हें अभी तक नहीं मिल पाया है।