कार्यकर्त्ताओं को नसीहत देते हुए यादव ने कहा कि झूठ बोलने वाला अच्छे कपड़े पहनता है तभी तो हर आदमी उसकी बात पर यकीन कर लेता है। सपेरों की बदहाल जिंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को सपेरों का देश भी कहा जाता था जो भारत की असली पहचान माने जाते हैं लेकिन बदकिस्मती इस बात की है कि असली पहचान माने माने जाने वाले सपेरे बदहाली की जिंदगी बसर करने को मजबूर है। इन सपेरों के पास ना तो आज जमीन है और ना ही जिंदगी को चलाने के लिए कोई रोजी रोजगार।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को आज अनुशासन ओर प्रशिक्षण की बहुत जरूरत है । उनकी जानकारी में ऐसा आया है कि एक कार्यकर्ता दूसरे कार्यकर्ता को पार्टी के बड़े नेताओं से मिलने देने में बाधा खड़ी कर रहा है । इस प्रवृत्ति से हमको बचना चाहिए और दूसरे कार्यकर्ताओं को भी मौका देना चाहिए तभी कार्यकर्ता का सम्मान हो सकता है और उस कार्यकर्ता की इज्जत भी दूसरे कार्यकर्ता के प्रति बढ़ेगी।
विरोधी दलों के कामकाज की चर्चा करते हुए कहा कि विरोधियों को अगर हराना है तो उनसे अच्छा काम करने की जरूरत है पर ऐसा तभी संभव हो सकेगा कि जब हम उनसे अच्छा काम करेंगे । हमको अपने विरोधियों से अच्छा काम करना पड़ेगा तभी हम कामयाब हो सकते हैं अन्यथा हम विरोधी के सामने पिछड़ते ही रहेंगे । उन्होंने कहा कि जिन बूथ प्रभारियों की छवि खराब है । वह किसी भी सूरत में भरोसेमंद नहीं है क्योंकि उनके वजह से ही गांव में जनाधार खिसकता है ऐसे में इन बूथ प्रभारियों पर ध्यान देने की बेहद जरूरत है ।
अखिलेश यादव ने कहा कि भले ही तीन तलाक पर कानून आ गया हो लेकिन सरकार यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि देश में 40 लाख से अधिक महिलाएं वेश्यावृत्ति में संलिप्त हैं उनके लिए सरकार ने आखिरकार अभी तक क्या किया है । कल तक नौकरियों लोगो के सामने थी लेकिन आज सरकार ने आरक्षण प्रक्रिया को इतना जटिल कर दिया है। ऐसे में नौकरियां बड़ी मुश्किल से लोगों को मिल सकेगी। इसलिए आने वाले समय में दूसरे की बातों पर भरोसा करने के बजाय अपने काम पर यकीन अधिक करें ।
उन्होंने दावा किया कि फिलहाल लड़ाई बहुत ही लंबी है फिर भी इन सबके बावजूद 2022 में रास्ता खुलेगा । नौकरियों के लिए सरकार आने पर कोई बेहतर इंतज़ाम करना पड़ेगा क्यों कि आज के समय मे सरकारी नौकरियां कही भी नहीं है । दुनिया मे अगर सबसे निराश नौजवान कही का है तो वो जगह अपना भारत देश ही है ।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल 20 करोड़ लोगों का काम कर रही है अभी भी 1 सौ दस करोड़ लोगों का काम किया जाना बकाया। कश्मीर से हटाई गई धारा 370 की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस धारा को समझे या नहीं लेकिन यह जरूर जान ले कि कश्मीर की ही तरह पहाडी राज्यो जैसे मिजोरम ओर नागालैंड में आज भी दूसरे प्रदेश के लोग जमीन नहीं खरीद सकते है। अगर पड़ोसी उत्तराखंड की बात करे तो एक समय वहां पर भी जमीन के खरीदने के लिए कानून बना हुआ था जिसमें अब कुछ और अधिक छूट दी गयी है । उन्होंने कहा कि अगर बात करें आरएसएस मुख्यालय की तो वहां अब से दस साल पहले तक भारतीय झण्डा नहीं फहराया जाता था अौर अगर जोश में सपा कार्यकर्ता पार्टी का झण्डा तिरंगे से ऊंचा करके लगा दे तो क्या उसको देशद्रोही कहने लगेंगे।