इसके बाद शेरों को लाए जाने की व्यवस्था की जाएगी और अक्टूबर के मध्य में नवरात्र के दौरान ही इन शेर-शेरनी को इटावा सफारी में पहुंचाया जाएगा। इसके साथ ही शेरों का कुनबा बढ़ाए जाने के प्रयास भी जारी है।
गुजरात से आएंगे शेर शेरनियां
सफारी पार्क में गुजरात से तीन शेरनी व दो शेर लाए जाने की बातचीत चल रही है। पिछली सरकार के कार्यकाल में ही गुजरात से शेर-शेरनी लाए जाने की बात हुई थी। इनके बदले में यूपी से जो वन्य जीव गुजरात भेजे जाने थे। उन्हें भेजा जा चुका है और अब गुजरात से ये शेर लाए जाने हैं। पिछले दिनों से इस मामले में तेजी आई है। इसे लेकर यूपी व गुजरात सरकार के बीच बातचीत चली है। पिछले दिनों यूपी के प्रमुख सचिव ने गुजरात के प्रमुख सचिव को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। इसके बाद शेर-शेरनी को यहां लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। सितंबर के मध्य में सफारी के डायरेक्टर गुजरात जाकर स्थितियां देखेंगे और इन्हें इटावा लाए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
अभी यह है शेर शेरनियां
इटावा सफारी पार्क में फिलहाल तीन शेर मनन, पटौदी व बीबो व दो शेरनी जेसिका, हीर मौजूद हैं। इसके साथ ही तीन शावक भी सफारी में हैं, जिनमें दो शिम्बा व सुल्तान लगभग पौने दो वर्ष के हो चुके हैं जबकि तीसरा शावक बाहुबली सात माह का है। वह अपनी मां जेसिका के साथ ही है जबकि शिम्बा व सुल्तान को अलग रखा गया है। इस बीच शेरों का कुनबा बढ़ाने की कवायद भी जारी है। ताकि शावकों की संख्या में इजाफा हो सके।
लायन सफारी खोलने के भी हो रहे प्रयास
लायन सफारी को पर्यटकों के लिए खोले जाने में दस शावकों की शर्त रखी गई है, जिसके चलते फिलहाल इसे नहीं खोला जा रहा है। इसके बावजूद सफारी प्रशासन व वन विभाग सीजेडए से लायन सफारी खोलने की परमीशन के लिए बातचीत कर रहा है। फिलहाल सफारी में पांच शेर-शेरनी व तीन शावक हैं। गुजरात से पांच शेर-शेरनी की संख्या दस व शावकों की संख्या तीन हो जाएगी। इस कुल संख्या के आधार पर लायन सफारी को भी पर्यटकों के लिए खोलनेे के प्रयास किए जाएंगे। सफलता मिली तो जल्दी ही लोगों को शेर भी देखने को मिलेंगे।
नवरात्रि में बढ़ेगा शेरों का कुनबा
सफारी में शेरों को लाए जाने की शुरूआत नवरात्र के दिनों में हुई थी। अब एक बार फिर नवरात्र में ही पांच शेर-शेरनी लाए जाएंगे। लायन सफारी बनने का काम 2012 में सपा की सरकार बनने के साथ ही शुरू हो गया था और वर्ष 2014 में शेर विष्णु व शेरनी लक्ष्मी का पहला जोड़ा लायन सफारी में लाया गया था। उसके बाद शेरों के अन्य जोड़े सफारी में लाए गए।