यूपी व गुजरात की सरकारों में काफी पहले ही इस बात पर सहमति बन गई थी कि गुजरात से 8 शेर इटावा सफारी में भेजे जाएंगे । इनमें से कुछ शेरों को गोरखपुर में निर्माणाधीन चिड़ियाघर में भेजा जाएगा और बाकी के शेर इटावा सफारी में रहेंगे। इस संबंध में सफारी व वन विभाग के अधिकारियों ने गुजरात का दौरा कर लिया था। शेरों को चिन्हित भी कर लिया गया था। नवरात्र के दिनों में शेरों को लाए जाने की योजना थी। इस बीच आदर्श आचार संहिता लग जाने के कारण निर्वाचन आयोग से इजाजत मांगी गई थी। 8 अप्रैल को शेरों को इटावा सफारी लाया जाना था, लेकिन तब तक आयोग की अनुमति नहीं मिल पाई। जिसके कारण इस काम को स्थगित कर दिया गया। बताया गया है कि मंगलवार को निर्वाचन आयोग ने गुजरात से 8 शेरों को इटावा लाए जाने की मंजूरी दे दी है। इसके बाद इन्हें सफारी में लाने की तैयारी तेज हो गई है।
उन्होंने बताया कि जिन शेरों को जूनागढ़ से लाया जाएगा उन्हें चिन्हित कर लिया गया है तथा उनका चिकित्सीय परीक्षण भी हो गया है। अन्य तैयारियां तेजी से चल रही हैं और तैयारियां पूरी होते ही इन्हें इटावा सफारी लाया जाएगा। इधर सफारी में भी नए आने वाले नर व मादा शेरों को रखने की सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। इनके लिए ब्रीडिंग सेंटर व क्वारेन टाइन हाउस में पर्याप्त जगह है, जहां इन्हें रखा जा सके। इन्हें रखे जाने में सफारी में फिलहाल कोई समस्या नहीं है। हालांकि इन शेरों को गोरखपुर में निर्माणाधीन चिड़ियाघर के लिए लाया जा रहा है, लेकिन वहां ले जाए जाने से पहले इन्हें इटावा सफारी में रखा जाएगा। ताकि ये नए माहौल में रच बस सकें। ऐसी संभावना है कि जो शेर गोरखपुर नहीं ले जाए जाएंगे, उन्हें इटावा सफारी में ही रोक लिया जाएगा। जिससे इटावा सफारी में शेरों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो जाएगी।