भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष अभिषेक आजाद ने प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सवर्ण समाज को आर्थिक आधार पर दिये जाने वाले दस प्रतिशत आरक्षण को संविधान की मूल भावनाओं के विरुद्ध बताते हुये कहा कि सर्वाेच्च न्यायालय पहले से ही 50 प्रतिशत सवर्ण समाज के और 50 प्रतिषत दलित, पिछड़ों एवं अल्पसंख्यक वर्ग के लिये सुनिश्चित कर चुका है। फिर आर्थिक रूप से सवर्ण समाज के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का कोई औचित्य नहीं है। यह प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का सवर्ण समाज को लॉली पॉप द्वारा गुमराह करने के अतिरिक्त कुछ नहीं है। नरेन्द्र मोदी सभी वर्गों को गुमराह करके वैमनष्यमा फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
भीम आर्मी अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा शासन में दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक वर्ग के साथ अन्याय और अत्याचार सारे देश में बढ़ा है। उन्होंने कहा कि बिहार के कैमूर में दलित बहन की बलात्कार के बाद हत्या कर दी जाती है। अभिषेक आजाद ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर इलाके में ग्राम खाखरपुर थाना मछलीशहर में अनुसूचित जाति के किसानों की भूमि पर दबंग कब्जा कर लेते हैं, लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार उन दबे कुचले समाज के साथ कोई न्याय नहीं करती।
मांग पत्र देने वालों में यह लोग थे शामिल- भीमआर्मी के जिलाध्यक्ष अभिषेक आजाद ने मांग पत्र में यह भी कहा कि देश में जाति गत गणना कराई जाए। मांग पत्र देने वालों में मोहम्मद आमीन जिला महासचिव, जितेन्द्र बौद्ध, मिन्टू गौतम, संतोश आजाद, बब्लू यादव, नेत्रपाल सिंह शाक्य, बृजेश कुमार, टिंकू बाबू, पंकज गौतम, सतीश बाबू, अजीत सिंह, आकाश, बृजेश कुमार चौधरी आदि भीम आर्मी के नाम अभिशेक आजाद प्रमुख हैं।