पर्यटक इन जलमार्गों में करेंगे नौका भ्रमण
संजीव चौहान ने बताया कि 28 किलोमीटर के नौका भ्रमण में 3 जलमार्ग बनाए गए हैं। पहला सहसों से बरचौली (5 किलोमीटर), दूसरा भरेह से पथर्रा (8 किलोमीटर) और तीसरा भरेह से पंचनदा (15 किलोमीटर) तक ले जाया जायेगा। दो मोटर बोटों में 16 लोगों के बैठने का प्रबन्ध किया गया है। पर्यटकों के लिए लाइफ जैकेट के साथ ही ट्रेंड स्टाफ के साथ साथ नौका भ्रमण कराया जाएगा। सहसों से बरचौली भ्रमण के दौरान डॉल्फिन, मगरमच्छ, घड़ियाल, कछुए व प्रवासी व अप्रवासी पक्षी आकर्षण का केंद्र होंगे, वहीं भरेह से पथर्रा के बीच जलीय जीवों और पक्षियों के साथ भरेह किला एवं भारेश्वर महादेव मंदिर का दीदार भी कराया जाएगा। इसके अलावा भरेह से पचनदा भ्रमण के दौरान महाकालेश्वर मंदिर का दर्शन कराया जाएगा।
वन संरक्षण अधिकारी डॉ. राजीव चौहान ने बताया कि ईको पारिस्थितिकी पर्यटन का एक विशेष रूप है जो पर्यटन के प्राकृतिक पर्यावरण एवं संसाधनों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम करते हुए पर्यटन को एक नया आयाम देता है। पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के विभिन्न अवयवों की स्थिति में सतत सुधार एवं विकास करते हुए निरंतर जागरूकता रखने के लिए ईको पर्यटन मनोरंजन के साथ-साथ ही पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आवश्यक हो गया है। वहीं, इटावा के वन क्षेत्राधिकारी सर्वेश भदौरिया ने कहा कि इको पर्यटन के मूलभूत उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्राकृतिक क्षेत्रों के भ्रमण के समय मार्गदर्शक सिद्धांतों को ध्यान में रखना आवश्यक है।