कानपुर व टूंडला से पहुंची टीमों ने किसी तरह इंजन के चक्कों को ठीक किया। इसके बाद जब मालगाड़ी आगे के लिए रवाना हुई तब जाकर डाउन ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन सही ढंग से शुरू हो सका। गाजियाबाद से मुगल सराय जा रही खाली मालगाड़ी जीएन-107 सोमवार की शाम 4.15 बजे जब इटावा स्टेशन से पास हो रही थी, इसी बीच स्टेशन स्टाफ को इंजन से धुआं उठता नजर आया। इस पर तुरंत ही मालगाड़ी को रुकवाया गया। स्टेशन स्टाफ ने अग्निशमन यंत्रों के माध्यम से इंजन में उठे धुएं पर काबू पाया। लेकिन तब तक मालगाड़ी का इंजन सीज हो चुका था और चक्के भी जाम हो चुके थे।
टीएक्सआर टीम ने चक्कों को दुरुस्त करने का काफी प्रयास किया। लेकिन सफलता नहीं मिली। गाड़ी डाउन ट्रैक पर थी, जिससे पीछे आ रहीं गाड़ियां भी प्रभावित हो रही थीं। ऐसे में पांच नंबर लूप लाइन से ट्रेनों को निकाला गया। आनन-फानन में कानपुर व टूंडला से लोको टीम रात में इटावा भेजी गई। इस टीम द्वारा गैस कटर से चक्के के जाम हुए बैरिंग काटे गए। रात 2.45 बजे इंजन को फिट घोषित किया और 4 बजे मालगाड़ी आगे के लिए रवाना की गई। मंगलवार की सुबह 6.40 बजे ट्रैक शुरू हो सका। इसके बाद ही ट्रेनों का आवागमन सही ढंग से चालू हो पाया।
सभी राजधानी के अलावा स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस, संपूर्ण क्रांति एक्सप्रेस, पूर्वा एक्सप्रेस व अन्य यात्री ट्रेनें जिनकी रफ्तार 120 व 130 किलोमीटर प्रति घंटे की थी, इन सभी ट्रेनों को 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लूप लाइन होकर निकाला गया।