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जानिए क्या पूरा मामला
इटावा जिले के विकास खण्ड चकरनगर की ग्राम पंचायतों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत नाम लिखे जाने से क्षेत्र की जनता में हलचल पैदा हो गई । वहीं ग्राम पंचायत कोला में कुछ गरीब पात्रों के स्थान पर रसूखदारों ने अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने के मकसद से आवास की पात्रता सूची में नाम दर्ज करा दिये लेकिन वास्तविक पात्र और गरीब आवास के लिए आज भी अधिकारियों की चौखटों पर माथा टेकते नजर आते है और अधिकारी सिर्फ झूठा अश्वासन ही दे पा रहे है।
अपात्रों ने की कर्मचारियों की ख्वाहिश पूरी
पात्रों को आवास मुहैया कराने के मकसद से सरकार ने कई कर्मचारियों की एक लंबी चैन प्रक्रिया बनाई है लेकिन सरकार के द्वारा बनाई गई कई कर्मचारियों की टीम गरीबों के लिए और बड़ी मुशीबत बन गई है क्योंकि ग्रामीणों के अनुसार पहले जब कुछ कम कर्मचारी होते थे, तो उनका काम सस्ते में ही निपट जाता था, लेकिन जैसे ही अधिक कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया बनी, तो गरीब सभी कर्मचारियों को संतुष्ट नहीं कर सके। जिसके चलते पात्रता की सूची से गरीब गायब हो गए और अपात्रों ने कर्मचारियों की ख्वाहिश पूरी करते हुए अपना नाम पात्रता की सूची में दर्ज करा लिया और आवास पाने के हकदार बन गए।
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ग्रामीणों ने उठाई पात्रता सूची में नाम दर्ज करने की मांग
सूत्रों की मानें तो आवास योजना कि जब जांच टीम ग्राम पंचायत में जांच करने पहुंचती है, तो पात्रता सूची में दर्ज जमीदार पक्के भवन से चलकर पशु बाड़े में फर्जी तौर पर बनाए गए चूल्हे और चारपाई के पास खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं और वास्तविक पात्र लोग आवास पाने से वंचित रह जाते है। कोला गांव निवासी अजय गुप्ता, विजयबहादुर, अजय सिंह प्रजापति, नंदकिशोर, सुनीता देवी, मोहन प्रजापति, निर्वेश कुमार, हरिश्चंद्र दोहरे, रनवीर यादव, बृजेंद्र यादव मंगल सिंह, धनपत सिंह आदि ने मुख्य विकास अधिकारी डा. राजा गणपति आर से उक्त मामले में जांचकर पात्रता सूची में नाम दर्ज करने की मांग की है।
1. सिरसा गांव की निर्वेश जाटव ने बताया हमारा नाम लिस्ट में नहीं है, जब कि पात्रता के मुताबिक मुझे आवास मिलना चाहिये । हम गरीब है तो प्रधान की मांग पूरी नहीं कर सकते।
2. सिरसा गांव की ही सुनीता देवी पत्नी नंदकिशोर ने बताया कि मुझे कोई भी सरकारी लाभ नही मिला ।यहां तक कि शौचालय भी नही दिया गया।
3. इसी गांव की ही सुनीता देवी पत्नी मनीराम ने बताया कि कई बार प्रधान से कहने के बाद भी हमें आवास नहीं दिया गया । हम मजदूरी कर बच्चों को पाल रहे और खुली छत के नीचे रहने को मजबूर है।
चकरनगर के खंड विकास अधिकारी प्रमोद कुमार का कहना है कि शिकायत पर जांच कराई जायेगी और यदि पात्र है तो नाम सूची में जोड दिया जायेगा।