आरओ पानी वाला पहला जिला होगा इटावा
उत्तर प्रदेश में इटावा का जिला प्रशासन (District administration) ने ग्रामीण आबादी को संक्रामक बीमारियों (Infectious diseases) से बचाने के लिये शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिये कमर कसी है। जिसके तहत हर गांव में आरओ संयंत्र (Ro plant) स्थापित किया जायेगा। आरओ पानी मुहैया कराने की यह योजना क्रियान्वित करने वाला इटावा जिला इकलौता है। अभी यह योजना राज्य के अन्य हिस्सों में नही है। इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया गया है। नतीजे आने के बाद पूरे जिले भर में प्रभावी करने की योजना है।
15 अगस्त को होगी योजना लागू
शुद्ध पेयजल के लिये गांव-गांव आरओ प्लांट लगाने की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने का खाका तैयार कर लिया गया है जिसके स्वतंत्रता दिवस तक हर हाल मे पूरा हो जाने की उम्मीद है।
सीडीओ राजा गणपित आर की है पहल
इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर की पहल पर शुद्ध पानी के लिए गांव स्तर पर आरओ प्लांट लगवाए जाने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में जिले के सभी ब्लाकों की पांच-पांच ग्राम पंचायतों में आरओ प्लांट लगवाए जा रहे हैं। इस तरह जिले के आठ ब्लाकों के कुल 40 ग्राम पंचायतों में आरओ प्लांट लग जा रहे हैं। जिससे इन गांवों के लोगों को शुद्ध पानी मिलेगा। यह आरओ प्लांट पंचायत घर में लगवाए जाने की योजना है जिससे कमरा बनवाने के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों से यह भी कहा गया है कि वे इसे अपनी कार्य योजना में शामिल करें और निर्धारित मूल्य पर कहीं से भी खरीद लें।
आरओ योजना को लेकर सीडीओ की जुबानी
असल में 2015 के आईएएस अधिकारी राजा गणपति आर मूलरूप से तमिलनाडु के मदुरई के चइयार गांव के रहने वाले हैं। किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले राजा बचपन मे अपने गांव के लोगों को नदी आदि का पानी पीकर देखते थे जिसके कारण अमूमन लोगों को बीमार होते हुए देखना आम बात हो गई थी लेकिन वो यह नहीं समझ पाते कि लोग आखिर बीमार क्यों हो रहे हैं। जब राजा को समझ आया कि लोगों की बीमारी की वजह गंदा पानी है तो उन्होंने प्रण किया कि वो लोगों को साफ पानी मुहैया कराने की मुहिम चलायेंगे लेकिन अकेले अपने गांव में मुहिम चलाने से कोई फायदा नहीं था। इसी बीच उनका चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) में हो गया और देश की सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में उनकी तैनाती हो गई। जब उनकी तैनाती हुई तब से वो इस साफ पानी की योजना पर काम में जुट गये लेकिन इस योजना को वो मूर्तरूप चंबल इलाके के इटावा में दिलाने मे कामयाब हुए।
सीडीओ की बयानगी
ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) (Rural Engineering Service RES) से एस्टीमेट बनवाया गया है। जिसके हिसाब से दो से ढाई लाख के बीच का खर्चा करके आरओ प्लांट लगाया जा रहा है। रकम की बचत के लिए पंचायत घर में ही इसे लगाने का सुझाव दिया गया है। हालांकि ग्राम पंचायतें स्वतंत्र हैं वे किसी अन्य स्थान पर कमरा बनवाकर भी आरओ प्लांट लगवा सकती हैं। आरओ प्लांट लग जाने से जहां लोगों को शुद्ध पानी मिलेगा वहीं पंचायत इससे धन अर्जन भी कर सकती है। आरओ का पानी निर्धारित शुल्क पर गांव वालों को तथा बारात आदि में दिया जा सकता है। शुल्क निर्धारण में जिला प्रशासन का कोई दखल नहीं होगा।
तेजी से चल रहा है काम
गांवों में आरओ प्लांट लगाए जाने की योजना को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। ग्राम पंचायतों से भी तेज गति से काम करने के लिए कहा गया है। प्रयास यह है कि 15 अगस्त तक चिन्हित किए गए गांवों में आरओ प्लांट लग जाए और गांव के लोगों को उसका लाभ भी मिलने लगे। चंबल फाउंडेशन के संस्थापक शाह आलम का कहना है कि इटावा मे गांव वालों को साफ पानी मुहैया कराने की जिस तरह की मुहिम सीडीओ ने शुरू की है, उससे यह निश्चित है कि एक ना एक दिन यह योजना सारे देश में लागू होगी क्योंकि हर आदमी आज साफ पानी पीना चाहता है। हैंडपंप या फिर नदियों के पानी पीने से बीमारियों के होने की संभावनाए रहती है।
डा.भीमराव अंबेडकर राजकीय सयुक्त चिकित्सालय के पूर्व सीएमएस डा. वी.एस. अग्निहोत्री देश में हर आठ सेकेंड मे एक बच्चा पानी से संबधित बीमारी से मर जाता है। हर साल 50 लाख से अधिक लोग असुरक्षित पानी के पीने, अशुद्ध घरेलू वातावरण और मलमूत्र का अनुचित ढंग से निपटान करने से जुड़ी बीमारियों से मर जाते हैं। स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की सीडीओ की मुहिम काबिल-ए-तारीफ है। इससे संक्रामक बीमारियों से होने वाली मौतों की तादाद में कमी आनी निश्चित है।
सीडीओ राजा गणपति आर का कहना है कि अपने गांव में बचपन में लोगों को गंदा पानी पीने से बीमार होते हुए देखने के बाद प्रण किया था कि जब इस काबिले होगे तो सबसे पहले लोगो को साफ पानी मुहैया करने की दिशा में काम करेंगे । इसी लिहाज से प्रारभिंक तौर पर इटावा में आरओ योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर क्रियान्वित कर साफ पानी मुहैया करने की दिशा मे काम कर रहे हैं। वैसे आरओ योजना को सारे देश में लागू किया जाये तो बेहतर होगा।