ये है मामला
एल्फी का इलाज पश्चिमोत्तर इंग्लैंड के लीवरपूल के एक अस्पताल में चल रहा था। वह 2016 दिसंबर से इस अस्पताल में भर्ती था। उसके माता-पिता एल्फी के बेहतर इलाज के लिए उसे रोम के एक क्लीनिक में स्थानांतरित कराना चाह रहे थे। डॉक्टरों ने भी इसकी सिफारिश की थी। इसके बावजूद बुधवार को उसे जीवित रखने की अदालत में की गई अंतिम अपील खारिज हो गई। इसके बाद डॉक्टरों ने बच्चे की जीवन रक्षक प्रणाली हटा दी थी।
पोप फ्रांसिस समेत पूरी दुनिया कर रही थी दुआ
मालूम हो कि एल्फी के लिए पोप फ्रांसिस ने भी इस मामले में एक नहीं, कई बार दखल दिया था। इस मामले ने ब्रिटेन, इटली और पोलैंड समेत पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। इस लड़ाई में उन्हें आम लोगों का भी भरपूर साथ मिला था। इसके बावजूद अदालत में वे जंग नहीं जीत पाए। एल्फी की मौत पर पोप ने भी दुख जताया। उन्होंने ट्वीट किया कि वह नन्हे एल्फी की मौत पर बेहद दुखी हैं। मैं उसके माता-पिता के लिए प्रार्थना करूंगा।
नवजात की मां ने फेसबुक पर एल्फी की मौत की दी सूचना
बच्चे की मां केट जेम्स ने एल्फी की मौत की सूचना फेसबुक पर देते हुए लिखा- रात 2.30 बचे हमारा बच्चा नहीं रहा। हम बेहद दुखी हैं। आप सभी के समर्थन का शुक्रिया।’ एल्फी के पिता थॉमस इवांस ने कहा कि मेरे ग्लेडिएटर ने अपना कवच रख दिया और रात 2.30 बजे वह ईश्वर के पास चला गया। काफी दुखद। मेरे बच्चे मैं तुम्हें प्यार करता हूं।