जर्मनी नहीं करता इसका समर्थन समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, प्रवक्ता स्टीफन सेबर्ट ने मर्केल के हवाले से कहा, “जर्मनी की संघीय सरकार इस निर्णय का समर्थन नहीं करती क्योंकि जेरूसलम की स्थिति को लेकर द्वी-राष्ट्रीय समाधान के तहत ही फैसला किया जा सकता है।”इससे पहले बुधवार को ट्रंप ने औपचारिक रूप से येरूशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता देने की घोषणा की थी।
मिस्र ने भी किया विरोध मिस्र के विदेश मंत्री ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उनका देश अमरीका द्वारा येरुशलम को इजरायली राजधानी के रूप में मान्यता देने की निंदा करता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने इस बयान के हवाले से कहा कि मिस्र इसके साथ ही अमरीकी दूतावास को येरुशलम स्थानांतरित करने के फैसले को भी खारिज करता है।
ये भी पढ़ें:अमरीकी राष्ट्रपति ने दी यरुशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता ट्रंप ने चुनाव अभियान के दौरान किया था वादा ट्रंप ने इस घोषणा के साथ ही अमरीका के दूतावास को तेल अवीव से येरूसलम स्थानांतरित करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने का आदेश दिया था। ट्रंप ने
अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान अमरीकी दूतावास को तेल अवीव से येरूशलम स्थानांतरित करने का वादा किया था।
वहीं इजरायल ने येरूशलम पर ट्रंप के निर्णय को ‘ऐतिहासिक’ बताया वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप को येरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के उनके ‘साहसिक निर्णय’ के लिए धन्यवाद दिया है। नेतान्याहू ने कहा कि ट्रंप के इस निर्णय से ‘प्राचीन लेकिन चिरस्थायी सत्य’ के प्रति अमरीका की प्रतिबद्धता जाहिर होती है। नेतान्याहू ने बुधवार की रात एक वीडियो संदेश जारी कर यह कहा। नेतान्याहू ने अन्य देशों से भी अमरीकी के उदाहरण का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि इससे पवित्र स्थलों की यथास्थिति में कोई बदलाव नहीं होगा।
पवित्र स्थल का गढ़ है येरुशलम बता दें कि येरूशलम यहूदियों, मुसलमानों और ईसाइयों के पवित्र स्थलों का गढ़ है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह फिलिस्तीनियों के साथ ‘शांति प्रक्रिया आगे बढ़ाने’ के लिए प्रतिबद्ध हैं।