शेड्यूल जारी होने के बाद उर्दू भाषा से जुड़े लोगों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। इसके बाद प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया। जिसमें बताया गया कि उर्दू की परीक्षा मदरसों के साथ ही निजी और सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए भी होगी। साथ ही ऑनलाइन अपडेट करने के भी निर्देश दिए थे। उधर, डाइट्स की ओर से परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए है। लेकिन उसमें भी राज्य सरकार और शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद संशोधन नहीं किया है।
राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि जब सरकार और शिक्षा विभाग ने उर्दू भाषा की परीक्षा के संबंध में संशोधन आदेश जारी कर दिया तो पोर्टल और प्रवेश पत्रों में भी अपडेशन होना चाहिए। ऐसी ही स्थिति गत वर्ष भी हुई और निजी व सरकारी स्कूलों में उर्दू पढ़ रहे बच्चों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया।