यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2017 में 117वीं रैंक हासिल करने वाले सूरज कुमार से भी एक ऐसा ही मजेजार सवाल पूछा गया। आपको बता दें अपने डीएएफ में सूरज ने लिखा था – उन्हें फिल्में देखने का शौक है। सिविल सेवा परीक्षा के इंटरव्यू में उनसे इसी हॉबी से जुड़ा एक सवाल पूछ लिया गया। इंटरव्यू के दौरान उम्मीदवार से पूछा कि ‘आपको फिल्म पद्मावत कैसी लगी?’
इस सवाल का जवाब देते हुए सूरज ने कहा कि फिल्म के टेक्निकल पार्ट, कॉस्ट्यूम, सेट्स डिजाइन, विजुअल बहुत शानदार और उम्दा थे। लेकिन इसकी कहानी थोड़ी और कसी हुई हो सकती थी। इसके बाद उनसे पूछा गया कि फिल्म की कहानी में क्या दिक्कत थी?
इसके जवाब में सूरज ने कहा कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों का ख्याल नहीं रखा गया। ये मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा लिखित पद्मावत से थोड़ी अलग थी और फिर जब ऐतिहासिक तथ्यों को छेड़छाड़ की गई है, तो नाम यह यूज नहीं करना चाहिए था। नाम कोई दूसरा रखा जा सकता था। फिल्म की कहानी सबको पता थी, बस इसे लंबा खींच दिया गया। इसके बाद सूरज ने अंत में कहा कि इस फिल्म में आर्ट एंड डिजाइन का काम अच्छा था।
आपको बता दें यूपीएससी परीक्षा में चयनित होने वाले सूरज मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को संदेश देते हुए सूरज ने कहा कि पढ़ाई के लिए घंटे कोई मायने नहीं रखता। जितने समय पढ़ाई करते हैं उसमें ध्यान लगना ज्यादा मायने रखता है।