उन्होंने बताया कि इस बार मूल्यांकन के बाद 100 प्रतिशत कॉपियों का अंकेक्षण (ऑडिट) करवाने का प्रस्ताव तैयार दिया गया है। शासन से अनुमति मिलने के बाद सभी कॉपियों की दोबारा जांच करवाएंगे ताकि मूल्यांकन को लेकर होने वाली शिकायतें कम की जा सके। गौरतलब है कि इस बार परीक्षाएं दो मार्च को ही खत्म हो जाएंगी लेकिन चार मार्च को शिवरात्रि का स्नानपर्व होने के कारण कॉपियों को मूल्यांकन केंद्रों तक भेजने में परेशानी को देखते हुए मूल्यांकन की शुरुआत की तारीख आठ मार्च तय की गई है। इसके एक महीने बाद अप्रैल के दूसरे या तीसरे सप्ताह में परिणाम घोषित किया जाएगा।
इस बार प्रदेश भर में 231 केंद्र बनाए जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं की संख्या में नौ लाख की कमी होने के कारण तकरीबन डेढ़ दर्जन मूल्यांकन केंद्र कम हुए हैं। बोर्ड परीक्षाएं सात फरवरी से शुरू होकर दो मार्च तक चलेंगी। हाईस्कूल की परीक्षा जहां 28 फरवरी को समाप्त हो जाएगी, वहीं इंटरमीडिएट की परीक्षा दो मार्च को सम्पन्न होगी।