हुब्बल्ली. राजमार्ग विकास के लिए सडक़ बनाने वाली केंद्र सरकार नई सरकार के गठन के साथ ही कल्याण, उत्तर कर्नाटक मार्ग के जरिए बेंगलूरु को पुणे से जोडऩे की परियोजना शुरू करने की तैयारी कर रही है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 4 का एक विकल्प के तौर पर स्थित इस राजमार्ग से दोनों शहरों के बीच की दूरी 95 किमी है और केवल 7 घंटे में 700 किमी की दूरी तय कर सकते हैं।
भारत माला-2 परियोजना के तहत बेंगलूरु-पुणे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए 50 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने निर्माण की जिम्मेदारी ली है और इसके 2028 में पूरा होने की उम्मीद है। यह 12 लेन की सडक़ होगी, फिलहाल 8 लेन की सडक़ बनेगी। इसके लिए 250 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है।
यह राजमार्ग मध्य, कल्याण और उत्तर कर्नाटक के 9 और महाराष्ट्र के तीन सहित कुल 12 जिलों से होकर गुजरेगा। यह बेंगलूरु ग्रामीण जिले के दोड्डबल्लापुर, नेलमंगला, तुमकूरु जिले के कोरटगेरी, मधुगिरि, चित्रदुर्ग, दावणगेरे के जगलूरु, विजयनगर के कूडलिगी, कोप्पल के यलबुर्गा, गदग जिले के रोण, नरगुंद, बागलकोट जिले के बादामी, मुधोल, जमखंडी, बेलगावी जिले के अथणी के जरिए महाराष्ट्र के सतारा, सांगली से होते हुए पुणे पहुंचेगा।
यह बेंगलूरु के मुतगंडहल्ली के सैटलेट रिंग रोड से शुरू होगा और पुणे के कांजे के पास रिंग रोड पर समाप्त होगा। जिन जिलों से यह राजमार्ग गुजरेगा वहां औद्योगिक विकास, पर्यटन, रियल एस्टेट में पर्याप्त प्रगति और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर 120 किमी प्रति घंटा की तेज गति से यात्रा के लिए गुणवत्तापूर्ण सडक़ बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें बेंगलूरु और पुणे के पास 5 किमी. लंबी दो हवाई पट्टियां बनाने की भी योजना है।
यह राजमार्ग राज्य की तुंगभद्रा, मलप्रभा, घटप्रभा, कृष्णा, वेदावती, महाराष्ट्र की नीरा, येरल, चंदनाडी, अग्रणी और चिक्कहगर नदियों से होकर गुजरेगा। 6 पुल, 55 फ्लाईओवर, 22 इंटरचेंज, 14 राष्ट्रीय और राज्य राजमार्ग क्रॉसिंग पॉइंट का निर्माण किया जा रहा है।
एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 4 के जरिए अब बेंगलूरु को पुणे से जोडऩे वाली एक चार-लेन सडक़ है। यह 15 घंटे की लंबी यात्रा है। अब इसे चौड़ा करना जरूरी है परन्तु केंद्र सरकार ने तय किया है कि इसकी जगह नए हाईवे का निर्माण ही उचित होगा।
पुणे-बेंगलूरु ग्रीनफील्ड योजना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। 12 लेन में से फिलहाल 8 लेन का निर्माण किया जाएगा। 700 कि.मी सडक़ 7 घंटे में तय की जा सकती है। कोरटगेरे तालुक समेत कुछ जगहों पर किसानों ने भूमि अधिग्रहण का विरोध जताया है। राजी कराया जा रहा है। नई सरकार बनते ही काम शुरू किया जाएगा।
-राघवेंद्र, गुणवत्ता निरीक्षण अधिकारी, एनएचएआई
Published on:
28 May 2024 09:04 am