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जंगली और पालतू जीवों को पानी पिला रहे हैं स्वयंसेवक

चिलचिलाती धूप के कारण हर जगह जलस्रोत सूख गए हैं और पशु-पक्षी पानी की एक बूंद के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। धारवाड़ की वन्यजीव कल्याण सोसायटी (वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसायटी) के सदस्य अपने खर्चे पर जंगल में पानी की व्यवस्था करने और पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने में जुटे हैं।

हुबलीMay 12, 2024 / 10:17 am

Zakir Pattankudi

जंगली और पालतू जीवों को पानी पिला रहे हैं स्वयंसेवक

धारवाड़ के बणदूर चेकपोसेट के पास वन में स्थित हाउज में टैंकर से पानी भरते करते वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसायटी के सदस्य।

हुब्बल्ली. चिलचिलाती धूप के कारण हर जगह जलस्रोत सूख गए हैं और पशु-पक्षी पानी की एक बूंद के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। धारवाड़ की वन्यजीव कल्याण सोसायटी (वाइल्डलाइफ वेलफेयर सोसायटी) के सदस्य अपने खर्चे पर जंगल में पानी की व्यवस्था करने और पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने में जुटे हैं।
सोसायटी के अध्यक्ष यलप्पा दोड्डहल्ली ने कहा कि हम डेढ़ महीने से धारवाड़ तालुक के 5 क्षेत्रों, होल्तिकोटी, बणदूर चेकपोस्ट, माविनकोप्पा जंगल में पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। 8 फीट चौड़ा, 6 फीट लंबा और 2 फीट गहरा गड्ढा खोदकर उस पर तिरपाल बिछा कर टैंकर के जरिए उसमें पानी भरेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी सोसायटी में 45 सदस्य हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे व्यापारी और मजदूर हैं। हर कोई इस काम के लिए स्वे‘छा से काम कर रहा है। सारा खर्च हम खुद वहन कर रहे हैं। हुब्बल्ली के नृपतुंग बेट्टा, कलघटगी और कुंदगोल में भी जल आपूर्ति की व्यवस्था करने जा रहे हैं। जंगल, हाईवे पर पानी की जरूरत होने पर लोग जानकारी दे सकते हैं।

प्राणियों की रक्षा

दोड्डहल्ली ने कहा कि सोसायटी दुर्घटनाओं में घायल जानवरों, पक्षियों और सांपों को बचाती है। सोसायटी के सदस्यों ने धारवाड़-हलियाल रोड पर विभिन्न स्थानों पर वाहनों की चपेट में आए बंदरों, गायों, कुत्तों, बछड़ों, मोरों, हिरणों, नेवलों और चील सहित विभिन्न जानवरों और पक्षियों को बचाया और उनका इलाज किया है। उनमें ही एक पशुचिकित्सक है और वे ही उपचार करते हैं। इस तरह हजारों प्राणियों-पक्षियों को बचाया गया है। पशु-पक्षियों की सुरक्षा और इलाज के लिए जगह की जरूरत है। यदि जिलाधिकारी जगह उपलब्ध करा दें तो सुविधा होगी।

2 हजार से ’यादा पौधे लगाने की योजना

धारवाड़ जिला वन विभाग ने वन्यजीव कल्याण सोसायटी के सहयोग से जंगली जानवरों के लिए पानी की व्यवस्था की है। वन्यजीव कल्याण सोसायटी के सदस्यों ने पिछले चार-पांच वर्षों में धारवाड़ के विभिन्न हिस्सों में एक हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। अब पौधे दस फीट से अधिक लंबे हो गए हैं। उन्होंने इस साल बरसात के मौसम में 2 हजार से ’यादा पौधे लगाने की योजना बनाई है।
प्रदीप पवार, क्षेत्रीय वन अधिकारी

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