मूर्ति के सहारे राजनीति राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है और ये बात सभी राजनीतिक पार्टियां समझती हैं कि उसका निर्माण सिर्फ संवैधानिक तरीके से ही हो सकता है। इसलिए 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर बनाने को लेकर चल रहे इस संग्राम के बीच भगवान राम की मूर्ति स्थापित करने की कवायद तेज हो गई है। अयोध्या में 108 मीटर ऊंची भगवान राम की मूर्ति कहां लगेगी यह तय हो गया है। नव्य अयोध्या प्रोजेक्ट के अंतर्गत ये मूर्ति सरयू नदी के पास ही क्वीन हो मेमोरियल के पास लगाई जाएगी। आपको बता दें कि बीते दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बात का फैसला हुआ था।
152 मीटर की होगी मूर्ति जानकारों की अगर मानें तो भगवान राम की प्रतिमा लगाने में करीब 330 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। प्रतिमा के लिए सारे आर्किटेक्ट भी फाइनल कर दिए गए हैं और जल्द ही एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) से इसकी परमिशन लेने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। वहीं सूत्रों के मुताबिक उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को यकीन है कि जल्द ही भगवान राम की प्रतिमा को लगाने का काम शुरू भी हो जाएगा। हालांकि ये प्रतिमा भले ही 108 मीटर की लगाई जा रही है, लेकिन उसका पेडस्टल भी 44 मीटर के करीब होगा। इसलिए इस प्रतिमा की पूरी ऊंचाई करीब 152 मीटर की होगी।
पिछले साल लिया था फैसला आपको बदा दें कि भगवान राम की प्रतिमा लगवाने का फैसला पिछले साल अयोध्या में दीपोत्सव मनाने के बाद ही हो गया था। लेकिन पहले यह प्रतिमा नदी के दूसरी तरफ लगाई जानी थी, लेकिन अब राम की पैड़ी से सरयू की धारा मोड़कर प्रतिमा तक लाई जाने की योजना है। सरयू की धारा यहां पर भगवान राम के पैर पखारेगी। दरअसल इस जगह की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अयोध्या से गुजरने वाले हर शख्स को भगवान राम की प्रतिमा नजर आएगी।
हमारी सरकार में सुधरे हालात वहीं भगवान राम की प्रतिमा लगाने पर पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने बताया कि योजना तैयार है और जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम की प्रतिमा की आधारशिला रखने अयोध्या जाएंगे। रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में पर्यटन के क्षेत्र में यूपी के हालातों में काफी सुधार आया है और अयोध्या में आगे भी इस तरह के काम जारी रहेंगे।