पीएम मोदी के इस ऐलान को जिसने भी सुना उसे एकबारगी तो किसी को यकीन नहीं हुआ। हर तरफ हड़कंप की स्थिति रही। मंगलवार आधी रात तक तो देश की जनता सड़क पर ही नज़र आ रही थी। कोई एटीएम से 100-100 रूपए के खुले नोट निकालने की मशक्कत जुटा हुआ था तो कोई पेट्रोल पम्प पर बंधे 500 या 1000 के नोट खपाकर उससे खुल्ले करवाने की जुगत में रहा। कई ऐसे भी थे जो 500 और 1000 रूपए के नोटों की रकम को बैंकों के ‘कैश डिपोज़िटिंग मशीनों’ में जमा करने की कवायद में लगा रहा।
जैसे-तैसे मंगलवार का दिन बीता और बुधवार का दिन आया। ज़ाहिर था देश को हिलाकर रख डालने वाला पीएम मोदी का ये कदम चर्चा का विषय बनाना ही था। देशभर के अखबारों की सुर्ख़ियों में रहे सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले को हर किसी ने पढ़कर अपने मायने निकाले।
हर राज्य में एक जैसे ही नज़ारे देखने को मिले। चाहे वो चाय की एक छोटी से थड़ी हो या आलीशान फाइव स्टार होटल, चाहे स्कूल हों या कॉलेज, खेल के मैदान से लेकर राजनीति, व्यापार, प्रोपर्टी सहित तमाम क्षेत्रों में हलचल देखि गई। हर किसी शख्स की ज़बान पर बस तीन शब्दों का बोलबाला रहा- ‘मोदी- 500 – 1000 का नोट’ ।
मोदी के इस ऐलान का असर शेयर बाज़ार और सर्राफा बाज़ार में भी साफ़ देखने को मिला। इधर, पीएम ने अपने सन्देश में ही कह दिया था कि इस फैसले से हालांकि देश की जनता को कुछ दिनों के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है लेकिन देश हित में भ्रष्टाचार, काले धन और जाली नोटों पर लगाम कसने की दिशा में ये बेहद ज़रूरी हो गया था।
बहरहाल, मोदी सरकार के इस कड़े और बड़े फैसले का आने वाले दिनों में क्या कुछ असर होता है ये देखना बेहद दिलचस्प होगा।