अकाली दल नेताओं ने रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट में अपनी पार्टी की सरकार को गुरूग्रंथ साहिब के अपमान और सिखों पर पुलिस फायरिंग के लिए दोषी ठहराए जाने के मुद्ये पर भी पलटवार किया। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने स्वर्ण मंदिर पर आॅपरेशन ब्ल्यू स्टार के रूप में हमला करवाया। साथ ही वर्ष 1984 में सिखों का संहार भी करवाया।
जितना दबाओगे मजबूत होकर उभरेंगे
उन्होंने कहा कि अकाली दल को जितना दबाया जाता है वह उतना ही मजबूत होकर उभरता है। प्रकाश सिंह बादल ने यह भी दावा किया कि उनकी और पुत्र सुखवीर बादल की हत्या के इरादे से रैली में आया एक कट्टरपंथी सिख रिवाॅल्वर के साथ पकडा गया है।
कोर्ट ने की लोकतंत्र की रक्षा
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने रैली की अनुमति देकर लोकतंत्र की रक्षा की है। हाईकोर्ट के आदेश से लोकतंत्र की जीत और राज्य सरकार द्वारा थोपी गई तानाशाही और सामंतशाही की हार हुई है। हाईकोर्ट में पार्टी की पैरवी करने वाले वकील दमनवीर सोबती को सिरोपा भेटकर सम्मानित किया। एक सिरोपा वकील अशोक अग्रवाल को भी भेजा गया।
डडूवाल और मंड को बताया कांग्रेस की कठपुतली
अकाली दल के अध्यक्ष सुखवीर बादल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक बलजीत सिंह डडूवाल और ध्यान सिंह मंड कांग्रेस के कठपुतली है। सुखवीर ने कहा कि उनको डडूवाल और मंड के दो संदिग्ध बैंक लेन-देन की जानकारी मिली है। डडूवाल के बैंक खाते में 16 करोड रूपए आए है जबकि मंड ने 20 लाख की जमीन खरीदी है।
सरकार के फैसले को बताया आपातकाल
पूर्व अकाली मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया ने कैप्टेन अमरिंदर सिंह सरकार द्वारा फरीदकोट रैली पर रोक लगाए जाने की तुलना 1975 में श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से की। अकाली दल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेश इंदर सिंगला ने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी गुरूग्रंथ साहिब के अपमान की घटनाओं का इस्तेमाल राजनीतिक उद्येश्य के लिए धार्मिक भावनाएं भडकाने में कर रहे है। अकाली दल का आरोप है कि मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह व आम आदमी पार्टी की पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुडे कट्टरपंथी सिख नेताओं से सांठगांठ है।