ढाईघाट मेले में लाखों लोग कल्पवास कर रहे है, लेकिन जिस समय पंच दश नाम जूना अखाड़ा तेरा मढी पंजाब के महंत हरिओम गिरी की झोपड़ी में आग लगी हुई थी, उस समय कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। स्थानीय लोगों के साथ जले हुए लोग अपनी झोपड़ी की आग को बालू डाल कर आग बुझा रहे थे।
लोगों ने पुलिस के साथ फायर सर्विस को फोन पर घटना की सूचना दी, लेकिन लगभग दो घण्टे बाद केवल पुलिस मौके पर पहुंची। खास बात यह है कि इतना बड़ा मेला होने के बाबजूद प्रशासन की तरफ से कोई इंतजाम नहीं है।
अभी इस आग में केवल पांच लोग ही जख्मी हुए लेकिन इसी प्रकार के इंतजाम बने रहे तो आगे और भी बड़ी घटना हो सकती है। सवाल ये हैं कि क्या प्रशासन किसी बड़ी घटना होने के बाद मेले की सुरक्षा के लिए इंतजाम करेगा। यदि पुलिस जब दो घण्टे में घटना स्थल पर पहुंची तो इसका मतलब रात में मेले की सुरक्षा कौन देखता होगा।
वहीं घायलों को शमसाबाद थानाध्यक्ष रविन्द्र नाथ यादव सीएससी लेकर आये जहां पर ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने घायलों को कोई उपचार नहीं किया केवल कागजों पर इंट्री करके लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया था। लोहिया अस्पताल आने पर डॉक्टरों ने अपने स्टाफ के साथ आनन फानन से सभी घायलों का उपचार शुरू कर दिया। सभी घायल खतरे से बाहर है। उनका इलाज चल रहा है। यदि मेले में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई होती तो शायद जले हुए लोगों को प्रथम उपचार किया जा सकता है।