इस बार पूरे जिले में 250 अस्थाई दुकानों के लाइसेंस दिए जाने हैं। स्थाई दुकानों के 43 लाइसेंस थे। जिनमें 11 दुकानदारों ने अपने लाइसेंसों का नवीनीकरण नहीं कराया है, लेकिन व्यापार कर रहे हैं। अधिकतम 50 किलो विस्फोटक सामग्री के रखने की छूट लाइसेस धारक को है, लेकिन हकीकत कोसो दूर है। वही आबादी वाले इलाकों में बारूद बनाई जा रही हैं।
जो लाइसेंस धारक है उन लोगों का कहना है कि हम लोग केवल रोशनी करने वाले ही सामान का निर्माण करते हैं, परंतु कुछ बिना लाइसेंस वाले लोग धमाका करने वाले सामानों का निर्माण अवैध रूप से करते हैं, जिस कारण कोई भी घटना घटती है तो पुलिस व प्रसाशन हम लोगों को परेशान करता है।
धैमार नामक बारूद बहुत से लोग अपने घरों में बना रहे है। यह धमाके करने वाला सामान है, जो जमीन पर मारने पर चिंगारी के साथ आवाज करता है।
उधर दीपावली पर अस्थाई दुकानों के लिए जगह चयनित कर दी गई है। साथ ही साथ उनको अपनी दुकान पर एक ड्रम पानी व बालू को रखने के लिए निर्देशित किया गया है। जिससे किसी प्रकार की घटना को तुरंत काबू किया जा सके।जिसकी तैयारी जोरों पर चल रही है। दुकानदारों ने अपनी-अपनी दुकानें लगाने के लिए टेंट लगाना शुरू कर दिया है।
प्रभारी अधिकारी भजनपाल यादव ने बताया कि जहां-जहां भी दुकाने लगाई जा रही है उस सभी दुकानों आग बुझाने वाले गैस सिलेंडर पानी बालू का इंतजाम कराया गया है। लोगों की माने तो हकीकत में शहर के बहुत से ऐसे मोहल्ले हैं जहां पर लोग आमदनी के चक्कर में अवैध बारूद का काम कर रहे हैं। जो समाज के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकता है।