किसान नेताओं ने उठाई मांगे
किसान बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां पर कहा कि बिजली के बिलों में जो बढ़ोतरी की गई है। उससे किसान को बड़ा झटका लगा है। इसलिए बढ़ाई गई दरों को वापस लिया जाए। किसान नेताओं ने मांग की कि आलू का निर्यात किया जाए और आलू का समर्थन मूल्य 1000 रुपए प्रति कुंतल घोषित किया जाए। किसानों की सभी फसलों का मूल्य लागत को निकालकर पचास प्रतिशत मुनाफा जोड़कर तय किया जाए। किसानों ने कहा कि जब नलकूप का कनेक्शन किसान लेता है तो बिजली विभाग में ठेकेदारों द्वारा कनेक्शन दे दिया जाता है। इसके लिए किसान से अवैध वसूली की जाती है जो ठेकेदारों के माध्यम से कनेक्शन नहीं कराते हैं। उन्हें बार-बार दौड़ाया जाता है और पूरा सामान भी नहीं दिया जाता है।
जिला मुख्यालय पर शुरू किया जाएगा आंदोलन
ऐसे में इस अवैध वसूली को रोका जाए। किसानों ने सिरोली गांव की विमलादेवी की जमीन पर अवैध कब्जे को हटवाने की मांग की। इसके अलावा और भी कई किसानों की समस्याओं को यहां उठाया गया। नहरों में पानी छोड़े जाने की मांग की गई। किसानों ने कहा कि धान खरीद केंद्र पर किसानों का धान नहीं खरीदा जाता है। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि गरीबों की भूमि भूमाफिया के चंगुल से नहीं छुड़वाई जाती है तो इसको लेकर जिला मुख्यालय पर आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। इस दौरान जिलाध्यक्ष अरविंद सिंह शाक्य, प्रशांत मिश्रा, निरोत्तम राजपूत, अफरोज मंसूरी, लक्ष्मीशंकर जोशी, संजीव कुमार, संजीव यादव, सुबोध यादव, मुकेश शर्मा, तारादेवी आदि मौजूद रहे।
मजदूर यूनियन के प्रमुख ने समस्याओं को लेकर किया विरोध
वहीं दूसरी ओर भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रमुख रामबहादुर राजपूत ने भी बिजली की बढ़ी दरों का विरोध किया। पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। कहा गया कि बिजली की बढ़ाई गई दरें वापस की जाएं। इसके अलावा क्षेत्र की अन्य समस्याओं को उठाया गया। अताईपुर की समस्या को उठाया गया। शमसाबाद की मंडी को लेकर भी समस्याएं उठाई गईं। निचली गंगा नहर की सफाई कराए जाने की मांग की गई। प्रेमचंद्र सक्सेना, ग्रीश शर्मा, रामबहादुर राजपूत, हुकुम सिंह यादव आदि लोग रहे।