इस दिन मौन व्रत धारण करके स्नान, दान व शुभ आचरण व आत्म संयम की साधना करने वाले साधक को मुनि पद की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी और मां का दर्जा रखने वाली गंगा मैया का जल अमृत बन जाता है। पुराणों में मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी तट पर स्नान-दान की अपार महिमा वर्णित की गई है। इस तिथि को मौन संयम की साधना, स्वर्ग एवं मोक्ष देने वाली माना गया है।
कांचीपुर में एक सुशील कन्या थी गुणवती। विवाह योग्य होने पर पिता ने जब उसकी कुंडली ज्योतिषी को दिखाई तो उन्होंने कुंडली में वैधव्यदोष बताया। उपाय के अनुसार गुणवती अपने भाई के साथ सिंहल द्वीप पर रहने वाली सोमा धोबिन से आशीर्वाद लेने चल दी। दोनों भाई-बहन एक वृक्ष के नीचे बैठकर सागर के मध्य द्वीप पर पहुंचने की युक्ति सोचने लगे। वृक्ष के ऊपर एक घौसले में गिद्ध के बच्चे रहते थे।